
राजधानी भोपाल में आयोजित दो दिवसीय “AI भारत @ एमपी” कार्यशाला का शुक्रवार को समापन हो गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आधार तकनीक और डिजिटल नवाचारों के माध्यम से शासन को अधिक सक्षम, पारदर्शी और नागरिकोन्मुखी बनाना रहा।
भोपाल में दो दिवसीय “AI भारत @ एमपी” कार्यशाला का समापन शुक्रवार को हुआ। कार्यशाला का उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), आधार (UIDAI) और डिजिटल नवाचारों के माध्यम से शासन को अधिक प्रभावी, समावेशी और नागरिकोन्मुखी बनाना रहा। आयोजन मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (MPSEDC) और राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग (NeGD), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
कार्यशाला के समापन सत्र में MPSEDC के परियोजना निदेशक गुरु प्रसाद ने बताया कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां SD-WAN एनेबल्ड SWAN नेटवर्क 2 Gbps की गति से संचालित हो रहा है। राज्य के पास 1 पेटाबाइट की क्षमता वाला स्वंय का डेटा सेंटर है। ‘संपदा 2.0’ और एंड-टू-एंड सेवा ऑटोमेशन जैसे नवाचारों से प्रदेश डिजिटल गवर्नेंस में अग्रणी बना है। साथ ही एवीजीसी, ड्रोन, जीसीसी और सेमीकंडक्टर जैसे उभरते क्षेत्रों में पॉलिसी और गाइडलाइंस जारी की जा चुकी हैं। NeGD के निदेशक जे. एल. गुप्ता ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य सरकारी योजनाओं को नागरिकों के लिए अधिक सुलभ बनाना है। राज्य और केंद्र सरकारों के बीच सहयोग से डिजिटल परियोजनाओं की प्रभावशीलता बढ़ेगी। उन्होंने एकीकृत डिजिटल इंडिया हेल्पलाइन की योजना का भी उल्लेख किया।
NeGD के वरिष्ठ अधिकारी प्रसून कुमार ने डिजिलॉकर और एंटिटी लॉकर की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह तकनीक नागरिकों और संस्थानों को पेपरलेस व सुरक्षित दस्तावेज़ प्रबंधन प्रदान करती है। वहीं, अजीत कुमार ने UMANG ऐप को मोबाइल-फर्स्ट गवर्नेंस की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताया। कार्यशाला के अंतिम दिन तकनीकी सत्रों में डेटा प्रोटेक्शन, साइबर सुरक्षा, डिजिटल स्वास्थ्य (ई-संजीवनी), DIKSHA प्लेटफॉर्म और डिजिटल शिक्षा जैसे विषयों पर चर्चा हुई। MeitY स्टार्टअप हब के सीईओ पन्नीरसेल्वम मदनगोपाल ने नवाचार को परिवर्तन की कुंजी बताते हुए कहा कि स्टार्टअप्स को वैश्विक मंच देने की दिशा में सरकार प्रतिबद्ध है।