
रीवा जिले के शिक्षा विभाग में एक महिला जिसने कभी शिक्षा विभाग में नौकरी नहीं की, उसके नाम पर अनुकंपा नियुक्ति दे दी गई। इतना ही नहीं, उसे जोड़ौरी स्कूल में पदस्थ भी कर दिया गया। वहीं फर्जी नियुक्ति आदेश खुद जिला शिक्षा अधिकारी (D.E.O.) सुदामालाल गुप्ता द्वारा जारी किया गया। संबंधित व्यक्ति ने बाकायदा ज्वाइनिंग भी दे दी। लेकिन जब इस नियुक्ति पर शिकायत हुई तो पूरा मामला उजागर हो गया।
शिकायत के बाद डीईओ ने तत्काल एक जांच टीम गठित की और खुद के द्वारा जारी किया गया नियुक्ति आदेश रद्द कर दिया। मामला वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा, तो डीईओ को फटकार लगाई गई।
डीईओ ने दर्ज कराई FIR की शिकायत
इसके बाद बुधवार रात डीईओ सुदामालाल गुप्ता सिविल लाइन थाने पहुंचे और शिकायती आवेदन दिया। उन्होंने फर्जीवाड़े से जुड़े दस्तावेज और साक्ष्य भी पुलिस को सौंपे।
बेलकली नाम की महिला विभाग में थी ही नहीं
जांच में सामने आया कि ‘बेलकली’ नाम की महिला कभी भी शिक्षा विभाग में कार्यरत नहीं रही, जबकि उसके नाम पर बृजेश कुमार कोल को नौकरी दे दी गई।
डीईओ बोले: फर्जी हलफनामे से गुमराह किया
डीईओ सुदामालाल गुप्ता ने बताया, बृजेश कुमार कोल ने कूटरचित दस्तावेज और फर्जी हलफनामा देकर मुझे गुमराह किया। मुझे इस फर्जीवाड़े का तब पता चला जब मैं एक समस्या निवारण शिविर में स्कूलों की समस्याएं सुन रहा था। वहां एक प्राचार्य ने बताया कि ये व्यक्ति वेतन पाने की प्रक्रिया पूरी नहीं कर पा रहा है क्योंकि ये जरूरी दस्तावेज नहीं दे रहा। जब डीईओ ने फाइल मंगवाकर जांच की, तो पूरी सच्चाई सामने आ गई। जिसके बाद उन्होंने थाने पहुंचकर शिकायत दी।
फर्जी आधार कार्ड अटैच किया
जानकारी के अनुसार, आरोपी ने 1 अप्रैल को आवेदन किया था। उसे 17 अप्रैल को अनुकम्पा नियुक्ति दी गई। इसमें फर्जी हलफनामे का उपयोग किया गया और साथ ही फर्जी आधार कार्ड का भी उपयोग किया। पहले शिक्षा विभाग में पदस्थ बाबू और फिर जिला शिक्षा अधिकारी ने फाइल पास कर अनुकम्पा नियुक्ति दी। वहीं नियुक्ति आदेश 17 अप्रैल को जारी हुआ। आरोपी रीवा का ही निवासी है, उसकी शैक्षणिक योग्यता के सम्बन्ध में जांच शुरू की गई है। संभवतः वह भी फर्जी है।