
जबलपुर के पशु चिकित्सा केंद्र में एक सप्ताह पहले भीषण आग लग गई थी, जिसके चलते वहां रखी लाखों रूपए की दवा आग में जलकर पूरी तरह से खाक हो गई। घटना शनिवार 31 मई की रात को हुई थी। इस अग्निकांड हादसे की आज तक वजह सामने नहीं आई है। हालांकि पशु चिकित्सा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर का कहना है कि आगजनी की घटना के तुरंत बाद ही आधारताल थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी, अब पुलिस इसकी जांच कर रही है। शुरूआती जानकारी में पता चला है कि करीब 50 लाख की दवाइयां जल गई है।
दरअसल, 31 मई की देर रात आधारताल स्थित पशु चिकित्सा केंद्र में अचानक ही धुआं उठने लगा, मौके पर तैनात चौकीदार ने अधिकारियों को जानकारी दी। कुछ ही देर में डिप्टी डायरेक्टर डाॅक्टर प्रफुल्ल मून भी मौके पर पहुंच गए, तुरंत फायरबिग्रेड की टीम को बुलाया गया। कड़ी मशक्कत के बाद दो घंटे में आग पर काबू पाया गया, पर तब तक सेंटर में रखी दवाइयां पूरी तरह से जल चुकी थी।
खास बात यह है कि जिस जगह पर आग लगी थी, वहां आसपास पशु चिकित्सा विभाग में पदस्थ कर्मचारी भी रहते है, पर किसी को आग लगने की जानकारी नहीं है। जिस सेंटर में आग लगी वहां पर शार्ट सर्किट जैसी कोई घटना भी नहीं हुई है, ऐसे में आग लगने में सवाल खड़े हो रहे है।
पशु चिकित्सा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर का कहना है कि अग्निकांड की जानकारी भोपाल भेज दी गई है, मामले की जांच करने जा रहे है जिसके लिए जांच कमेटी गठित की गई है। विभागीय कमेटी ये जांच करेगी कि अग्निकांड सिर्फ हादसा था या इसके पीछे कोई गहरी साजिश थी, इसके साथ ही आधारताल थाना पुलिस भी इस अग्निकांड की जांच कर रही है। डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि आग कमरे के पीछे वाली खिड़की से लगी थी, आग बहुत भीषण थी, जिसे बुझाने के लिए दमकल टीम की मदद लेनी पड़ी। जब तक आग बुझती सब कुछ खत्म हो गया था। डिप्टी डायरेक्टर का कहना है कि आग में सिर्फ दवा ही जली है, उसके अलावा वहां पर कोई दस्तावेज नहीं थे।
जबलपुर के आधारताल इलाके में स्थित पशु चिकित्सा केंद्र में करोड़ों रुपए की दवाओं का स्टाॅक है, यहां से ही जिले के हर केंद्र में दवाएं भेजी जाती है। फिलहाल भीषण अग्निकांड की वजह अब तक अज्ञात बताई जा रही है, लेकिन आग से हुए 50 लाख से ज्यादा के नुकसान के चलते इसकी पुलिस जांच के अलावा विभागीय जांच के भी आदेश दे दिए गए हैं। एक सप्ताह बाद भी हादसे की वजह सामने नहीं आई है।