
रीवा में बिजली विभाग से एक साल पहले ब्लैकलिस्ट कर निकाले गए आउटसोर्स कर्मचारी बहाली की मांग को लेकर 17 जून से कोठी कम्पाउंड में आमरण अनशन पर बैठे हैं। विंध्य आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के बैनर तले प्रमोद चतुर्वेदी, उमेश साकेत और अनुजधर पाण्डेय सहित कई कर्मचारी तीन दिनों से अनशन पर डटे हैं।
कर्मचारी प्रमोद चतुर्वेदी ने बताया कि विद्युत वितरण कंपनी ने 26 जून 2024 को आधा सैकड़ा से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों को ब्लैकलिस्ट कर बाहर कर दिया था। जिन आरोपों में उन्हें निकाला गया, वे जांच में साबित नहीं हुए। कर्मचारी फरवरी और मई 2025 में भी सत्याग्रह कर चुके हैं, लेकिन अधिकारियों से सिर्फ आश्वासन मिला।
तीन प्रमुख मांगों को लेकर
कर्मचारियों की तीन प्रमुख मांगें हैं – ब्लैकलिस्ट से नाम हटाकर बहाली और ज्वाइनिंग लेटर दिया जाए, सेमी स्किल्ड में रखा जाए और उसी वितरण केंद्र में नियुक्ति दी जाए। कर्मचारियों का कहना है कि शासन-प्रशासन और कंपनी के शीर्ष अधिकारियों को कई बार अवगत कराया गया, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। गुरुवार को आंधी-पानी के बावजूद कर्मचारी अनशन पर डटे रहे और शुक्रवार को भी उनका प्रदर्शन जारी है।