
सागर जिले के मालथौन में पट्टे की जमीनों पर अवैध कब्जे का मामला गरमाता जा रहा है। शनिवार को अनुसूचित जाति और जनजाति समाज के बड़ी संख्या में लोग कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और सिटी मजिस्ट्रेट जूही गर्ग को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने आरोप लगाया कि गोविंद सिंह मालथौन और रानू सिंघई ने वर्षों से समाज की जमीन पर कब्जा कर रखा था, जिसे हाल ही में मुक्त कराया गया है।
ज्ञापन में बताया गया कि गोविंद सिंह और उनके परिवार ने करीब 100 एकड़ जमीन अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों से या तो गलत तरीके से रजिस्ट्री करवाई या फिर सीधे कब्जा कर लिया। इनमें से करीब 25 एकड़ जमीन शासकीय है। शासन के निर्देश पर हाल ही में 10 करोड़ की कीमत वाली 5 एकड़ जमीन मुक्त कराई गई।
जमीन छुड़वाने पर गाली-गलौज और मारपीट का आरोप
समाज का आरोप है कि जब प्रशासन ने अवैध कब्जा हटाया, तब गोविंद सिंह और उनके साथियों ने अनुसूचित जनजाति समाज के लोगों को गालियां दीं और मारपीट की। इस मामले की रिपोर्ट मालथौन थाने में दर्ज कराई गई है, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
मांग है कि कब्जाई गई जमीनों की जांच कराकर वापस दिलाई जाएं। दोषियों को गिरफ्तार किया जाए। झूठे मुकदमे वापस लिए जाएं। इस दौरान मुकेश, सुंदरलाल, रामसहाय, रुपसिंह समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
क्षत्रिय समाज ने गोविंद सिंह के समर्थन में सौंपा ज्ञापन
वहीं शुक्रवार को क्षत्रिय समाज के लोग गोविंद सिंह राजपूत के समर्थन में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि गोविंद सिंह पर अनुसूचित जाति जनजाति एक्ट के तहत झूठा मामला दर्ज किया गया है, जो राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। उन्होंने मांग की कि संबंधित अधिकारी को निलंबित किया जाए और जब तक जांच पूरी न हो, गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए।