
जबलपुर के गढ़ा क्षेत्र में रहने वाले युवक का शव 22 घंटे बाद निदान फॉल में मिला। युवक बुधवार को अपने दोस्तों के साथ कटंगी स्थित निदान वाटर फॉल गया था, जहां पैर फिसलने से वह गहरे पानी में डूब गया। घटना के बाद दोस्तों ने तुरंत कटंगी थाना पुलिस को सूचना दी।
मौके पर पहुंचे गोताखोरों ने शाम को उसकी तलाश की, लेकिन अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू रोकना पड़ा। गुरुवार को फिर खोजबीन शुरू की गई, जिसके बाद युवक का शव मिला।
मृतक की पहचान राजेंद्र झारिया (35) के रूप में हुई है, जो रानी दुर्गावती वार्ड का निवासी था। राजेंद्र दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने गया था। इस दौरान वह फॉल के लगभग 50 फीट ऊपर चढ़ गया था, तभी उसका पैर फिसल गया और वह पत्थरों से टकराते हुए गहरे पानी में जा गिरा।
50 फीट ऊंचे झरने से गिरा युवक, तेज बहाव में बह गया
दरअसल, शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित निदान फॉल बारिश के समय बहुत सुंदर हो जाता है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। यहां झरने के नीचे लोग स्नान भी करते हैं। गढ़ा निवासी राजेंद्र भी अपने दोस्तों के साथ यहां नहाने गया था। नहाते समय वह अचानक फॉल के ऊपर चढ़ने लगा। दोस्तों ने उसे मना किया, लेकिन उसने ध्यान नहीं दिया। इस बीच लगभग 50 फीट ऊपर से उसका पैर फिसल गया और वह नीचे गिर गया।
सूचना मिलते ही कटंगी पुलिस मौके पर पहुंची। लापता युवक की तलाश के लिए गुरुवार सुबह से ही पुलिस और एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी रही। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कुछ युवक जलप्रताप में चट्टानों पर चढ़कर स्नान कर रहे थे, जिनमें राजेंद्र भी शामिल था। स्नान करते समय उसका पैर फिसल गया और जलप्रताप की तेज धार में वह खुद को संभाल नहीं सका। लगभग पचास फीट की ऊंचाई से बहते झरने के साथ वह नीचे गिर गया।
साथियों ने उसे पानी में गिरते देखा और शोर मचाकर मदद मांगी, लेकिन वह कुछ ही पलों में तेज बहाव में गुम हो गया।
विधायक ने दी थी सावधानी बरतने की सलाह
बारिश में निदान फॉल का जलप्रताप आकर्षक का केंद्र बन जाता है। इसे देखने के लिए पर्यटक पहुंचते हैं। पर्यटकों की आवाजाही के लिए जलप्रताप तक पहुंच मार्ग सहित आसपास कुछ पर्यटन विकास कार्यों का मंगलवार को ही विधायक अजय विश्नोई ने लोकार्पण किया था। इस दौरान विधायक ने वहां पर्यटकों को सावधानी रखने और जलप्रताप से सुरक्षित दूरी रखने की बात कही थी। उसके अगले ही दिन यह दुर्घटना हो गई।
सुरक्षा और निगरानी का अभाव
जलप्रताप देखने पहुंचे कुछ पर्यटकों ने वहां सुरक्षा व्यवस्था के अभाव की बात कही है। पर्यटकों का आरोप है कि प्राकृतिक जलप्रताप को देखने आने-जाने वालों से वन विभाग शुल्क तो वसूल रहा है, लेकिन वहां सुरक्षा की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। केवल चेतावनी से संबंधित सूचना पटल लगाए गए हैं, लेकिन असुरक्षित स्थानों पर पर्यटकों की आवाजाही रोकने के लिए कोई निगरानी नहीं है।
एएसपी बोले- पुलिस रहती है तैनात
एएसपी ने बताया कि निदान फॉल में अक्सर पानी में डूबने की घटना होती है, बीते कुछ सालों में मौत का आकड़ा भी बढ़ा है। बुधवार को राजेंद्र की मौत लापरवाही के कारण हुई है। मृतक पांच दोस्तों के साथ कार से निदान फॉल गया था, पत्थरों के ऊपर चढ़ रहा था, इसी दौरान उसका पैर फिसल गया। भविष्य में इस तरह की घटना न हो, इसके लिए पुलिस को तैनात किया गया है। राजेंद्र देर शाम तक फॉल पर ही थे, जिन्हें वहां मौजूद वन विभाग के लोगों ने जाने से मना भी किया था, पर वह नहीं माने।