
Lok Sabha सत्रहवीं लोकसभा का पंद्रहवां सत्र शनिवार को समाप्त हो गया। इसके साथ ही सत्रहवीं लोकसभा भी समाप्त हो गई। यह लोकसभा कई मायनों में ऐतिहासिक रही। इस दौरान कश्मीर से धारा 370 हटाने नारी शक्ति वंदन (महिला आरक्षण) अधिनियम पारित करने भारतीय न्याय संहिता जैसे कानूनों के साथ कुल 222 कानून बनाए गए। इसके साथ ही नए संसद भवन का उद्घाटन भी हुआ।
HIGHLIGHTS
- 17वीं लोकसभा में 260 सांसद पहली बार चुनकर सदन पहुंचे।
- 17वीं लोकसभा में 100 सदस्यों को किया गया निलंबित।
- 17वीं लोकसभा के दौरान लगभग 875 करोड़ रुपये की बचत हुई।
नई दिल्ली। सत्रहवीं लोकसभा का पंद्रहवां सत्र शनिवार को समाप्त हो गया। इसके साथ ही सत्रहवीं लोकसभा भी समाप्त हो गई। यह लोकसभा कई मायनों में ऐतिहासिक रही। इस दौरान कश्मीर से धारा 370 हटाने, नारी शक्ति वंदन (महिला आरक्षण) अधिनियम पारित करने, भारतीय न्याय संहिता जैसे कानूनों के साथ कुल 222 कानून बनाए गए। इसके साथ ही नए संसद भवन का उद्घाटन भी हुआ।
100 सदस्यों को किया गया निलंबित
इसी लोकसभा के दौरान गलत आचरण के कारण चार दिनों की अवधि में 100 सदस्यों को निलंबित किया गया था। वहीं, 13 दिसंबर 2023 की घटना काफी चर्चित रहा, जिसमें दो घुसपैठिए सार्वजनिक गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद गए और सदन के सत्र के दौरान धुआं छोड़ दिया था।
इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि 17वीं लोकसभा की कुल कार्य उत्पादकता लगभग 97 प्रतिशत रही है जो पिछली पांच लोकसभाओं में सबसे अधिक है। 17वीं लोकसभा की अंतिम बैठक शनिवार को हुई।
करीब 400 सदस्य हैं स्नातक
आंकड़ों से जाहिर होता है कि यह युवा होने के साथ ही ज्यादा शिक्षित भी है। यही नहीं लिंगानुपात भी पहले से बेहतर है। इस सदन के करीब 400 सदस्य स्नातक हैं। हालांकि, 12वीं तक पढ़े सांसदों की संख्या भी बढ़ी है। जबकि 70 वर्ष से ज्यादा आयु वाले सदस्यों की संख्या कम और 40 वर्ष से कम आयु वाले सांसदों की संख्या अधिक हुई है। 17वीं लोकसभा में 260 पहली बार पहुंचे। जबकि दोबारा चुनकर सदन में पहुंचने वालों की संख्या 16वीं लोकसभा से अधिक है।
290 रह गई बीजेपी सांसदों की संख्या
17वीं लोकसभा के लिए 2019 में चुनाव हुए थे। भाजपा के 303 सदस्य सदन में पहुंचे थे। हालांकि, हालिया विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा के कुछ सदस्यों के त्यागपत्र के बाद उसकी संख्या घटकर 290 रह गई है। 2019 के चुनाव में कुल 397 सांसद राष्ट्रीय पार्टियों से जीतकर पहुंचे थे। इनमें 52 कांग्रेस के सदस्य हैं। मौजूदा लोकसभा में सदस्यों की औसत आयु 54 वर्ष है। 16वीं लोकसभा में 40 वर्ष से कम उम्र वाले सदस्य आठ प्रतिशत थे। जबकि 17वीं लोकसभा में ऐसे सदस्य 12 प्रतिशत हैं।
चंद्राणी मुर्मु हैं सबसे कम उम्र की सांसद
इस सदन में सबसे कम उम्र की बीजेडी की चंद्राणी मुर्मु हैं। वह 2019 में 25 वर्ष 11 महीने की उम्र में निर्वाचित हुई थीं। सपा के शफीकुर रहमान बर्क सबसे उम्रदराज सांसद हैं। वह 89 साल की उम्र में चुनाव जीते थे। 2019 में 716 महिलाओं ने चुनाव लड़ा था। इनमें से 78 निर्वाचित हुईं। 2014 में 62 महिलाएं संसद पहुंची थीं।
17वीं लोकसभा के दौरान लगभग 875 करोड़ रुपये की बचत हुई
17वीं लोक सभा की कार्य उत्पादकता लगभग 97 प्रतिशत रही है जो पिछली पांच लोक सभाओं में सबसे अधिक है। लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि 543 सदस्यों में से 540 सदस्यों की सदन में चर्चा में भागीदारी रही। इस बार महिलाओं का अधिकतम प्रतिनिधित्व रहा है और सदन की कार्यवाही में उनकी सक्रिय भागीदारी भी रही। उन्होंने कहा कि 17वीं लोक सभा में पेपरलेस आफिस के विजन को साकार करते हुए संसदीय कामकाज में डिजिटल माध्यम का अधिकतम उपयोग किया जा रहा है। वर्तमान में 97 प्रतिशत से अधिक प्रश्नों के नोटिस इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दिए जा रहे हैं।
बिरला ने बताया कि पूरी लोकसभा के दौरान लगभग 875 करोड़ रुपये की बचत हुई, जो सचिवालय के बजट का 23 प्रतिशत था। इस लोक सभा में इस कैंटीन सब्सिडी को पूर्णत: समाप्त कर दिया गया, जिससे लगभग 15 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत हुई। संविधान सभा में फसाड लाइटिंग की व्यवस्था और लोक सभा टीवी और राज्य सभा टीवी के विलय से करोड़ों रुपये की बचत हुई। इस लोक सभा के दौरान भारत में 16 देशों के संसदीय शिष्टमंडल का आगमन हुआ। साथ ही देश से 42 शिष्टमण्डलों की विदेश यात्रा हुई। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संसदीय मंचों पर हमारी सक्रिय भागीदारी वैश्विक स्तर पर भारत की बढ़ती शक्ति एवं प्रतिष्ठा का परिचायक है।
संसद अनिश्चित काल के लिए स्थगित
राज्यसभा और लोकसभा शनिवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। संसदीय चुनावों की घोषणा से पहले बजट सत्र 17वीं लोकसभा का आखिरी सत्र था। अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि 17वीं लोकसभा ने पिछले पांच वर्षों में 222 विधेयक पारित किये। समापन के मौके पर अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि उन्होंने सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों को समान अवसर दिया। उन्होंने कहा कि सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए कुछ कठोर फैसले भी लिए। इसके बाद बिड़ला ने सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया।
116 मुद्दों पर हुई चर्चा
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि इस महत्वपूर्ण सत्र में सदन नौ दिनों तक बैठा और सांसदों के 90 तारांकित और 960 अतारांकित प्रश्नों के उत्तर देने के साथ-साथ सार्वजनिक महत्व के 116 मुद्दों पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान कुल प्रोडक्टिविटी 137 प्रतिशत के प्रभावशाली आंकड़े पर रही।
17वीं लोकसभा में सबसे कम बैठकें
17वीं लोकसभा में पांच साल के पूर्ण कार्यकाल वाली लोकसभाओं की तुलना में सबसे कम बैठकें हुईं। पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च द्वारा संकलित आंकड़ों से यह बात सामने आई।
लोकसभा बैठकें
- 17वीं लोकसभा- 272
- 16वीं लोकसभा- 331
- 15वीं लोकसभा- 332
- 14वीं लोकसभा- 356
- 13वीं लोकसभा- 356