
रीवा में एक बच्ची ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से गुहार लगाई है कि वो पढ़ना चाहती है। बच्ची ने कहा कि मुख्यमंत्री मामा मेरा एडमिशन करवा दीजिए क्योंकि मैं पढ़ना चाहती हूं। करहिया निवासी 12 वर्षीय शालिनी कुशवाहा की मां उसे लेकर एडमिशन करवाने के लिए शासकीय कार्यालयों और थानों के चक्कर लगा रही है।
लेकिन एडमिशन इसलिए नहीं हो पा रहा है क्योंकि उसके पास आधार कार्ड के अलावा अन्य कोई दस्तावेज नहीं है।
मां और पिता के बीच हुए अलगाव के बाद पिता कोई भी दस्तावेज देने के लिए तैयार नहीं है। जन्म प्रमाण पत्र से लेकर बाकी सभी अन्य दस्तावेज भी पुलिस के हस्तक्षेप के बाद भी नहीं लौटाए। दस्तावेज न होने की वजह से बच्ची अभी तक एडमिशन नहीं ले पाई है।
शालिनी कुशवाहा ने कहा कि सीएम सर मैं पढ़ना चाहती हूं। अधिकारियों को बोलकर मेरा एडमिशन करवा दीजिए।
बच्ची के माता-पिता अलग रहते हैं बच्ची की मां रजनी कुशवाहा ने कहा कि मेरी बेटी पढ़ना चाहती है। मेरी शादी आज से 15 साल पहले हुई थी। कई सालों से मेरे पति मुझसे अलगाव करके अलग रहते हैं। उन्होंने किसी दूसरी औरत को रख लिया था। बच्ची के जन्म के बाद हमने जन्म प्रमाण पत्र और बाकी अन्य सभी दस्तावेज बनवाए थे। जो पति ने ही अपने पास रखे थे। अब मेरा पति मुझसे अलग रहता है लेकिन बच्ची का स्कूल में एडमिशन करवाने के लिए जब मैंने दस्तावेज मांगे तो उसने साफ मना कर दिया। बिटिया स्कूल नहीं जा पा रही। कई स्कूलों के चक्कर काटे ओर बिना दस्तावेज एडमिशन नहीं होता। मैं अनपढ़ हूं,एक झोपड़ी बनाकर रहती हूं और बच्चों का पेट पालती हूं। पर अपनी बेटी को आगे बढ़ते हुए देखना चाहती हूं।ताकि वो बड़ी होकर मेरी तरह गरीब नहीं बल्कि एक काबिल इंसान बन पाए। कलेक्टर महोदय से निवेदन है कि मेरी बच्ची का एडमिशन करवाने में मदद करे।
पूरे मामले में कलेक्टर सौरभ सोनवड़े ने अधिकारियों को बच्ची और उसकी मां की समस्या सुनने और त्वरित समाधान करने के निर्देश भी दिए हैं।