
मध्य प्रदेश न केवल टाइगर स्टेट है बल्कि लेपर्ड और चीता स्टेट भी है। यहां तेंदुओं की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। दमोह जिले के तेंदूखेड़ा-जबलपुर मार्ग पर एक तेंदुए का मूवमेंट है जो आए दिन लोगों को दिख जाता है।
दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक का जंगल धीरे-धीरे जंगली जानवरों का अच्छा रहवास स्थल बनता जा रहा है। शुक्रवार की शाम तेंदूखेड़ा-जबलपुर मार्ग की सीमा पर फिर से तेंदुआ उछलकूद करता दिखाई दिया, जो पत्थरों पर छलांग लगा रहा था। वनकर्मियों ने इसे देखा तो अपने मोबाइल में इसके फोटो कैद कर लिए।
लगातार राहगीरों के सामने आ रहा तेंदुआ
जो तेंदुआ वनकर्मियों को दिखा है, वह लोगों को कई बार दिखा है। अभी तक उसने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है। यह बात भी सामने आ रही है कि इस स्थान पर तेंदुए का पूरा परिवार निवास कर रहा है। लगातार बढ़ रही जंगली जानवरों की संख्या से वन विभाग भी खुश है क्योंकि यहां बड़ी तेजी से जंगली जीव अपना रहवास स्थल बना रहे हैं। पहले तेंदूखेड़ा वन परिक्षेत्र में सियार या बंदर देखकर लोग हफ्तों तक इन्हें देखे जाने की चर्चा करते थे। अब तो आलम यह है कि नौरादेही अभयारण्य के बाघ और तेंदूखेड़ा वन परिक्षेत्र में घूम रहे तेंदुए भी यहां लोगों को दिखाई दे रहे हैं। लोग पहले तो डरते हैं, लेकिन इस रोमांच को कैद करने के लिए वह इन जानवरों के वीडियो, फोटो भी लेते हैं।
नहीं किया किसी पर हमला
तेंदूखेड़ा-जबलपुर मार्ग पर यह तेंदुआ जंगली क्षेत्र में रहता है और अपना स्थान बदलता रहता है। कभी जंगलों में चला जाता है तो कभी मुख्य मार्ग पर आ जाता है। 27 मील के रहवासियों की माने तो तेंदुआ पुरे परिवार के साथ पिछले दो वर्ष से इस जंगल में रह रहा है और समय- समय पर अपना स्थान बदलता रहता है। हम लोगों को कई बार दिखाई दिया, लेकिन आज तक नुकसान नहीं पहुंचाया जो बहुत खुशी की बात भी है क्योंकि इन जानवरों को देखने के लिए पार्क या अभयारण्य जाना पड़ता था और इन जानवरों ने हमारे क्षेत्र में बसेरा बना लिया है।
सुबह दिखा था नीलगाय का झुंड
शुक्रवार का दिन तेंदूखेड़ा के राहगीरों को किसी टाइगर रिजर्व की सफारी की तरह रहा क्योंकि दोपहर को राहगीरों को दर्जनों की संख्या में नीलगाय का झुंड दिखाई दिया। स्थानीय निवासी पप्पू शर्मा ने इस नजारे को अपने कैमरे में कैद किया था। शाम को कुछ कर्मचारी चैकपोस्ट पर ड्यूटी के बाद कुछ समय के लिए जंगली क्षेत्र घूमने गए तो उनको एक पहड़ी पर तेंदुआ दिखाई दिया। कर्मचारियों ने बताया कि तेंदुआ एक खाई से चढ़ रहा था। उन्होंने तेंदुए को देखा और लौट आए। तेंदूखेड़ा रेंजर मेघा पटेल ने बताया कि ग्रामीणों को लगातार बताया जा रहा है कि जंगल में अकेले न जाएं। बकरियों या मवेशियों को भी उस मार्ग से दूर रखें। जंगली जानवरों के लिए पानी की व्यवस्था केलिए शीघ्र पुराने सोसरों में पानी भरवाया जाएगा। जिन स्थानों पर जानवरो का रहवास है वहां सूचना पटल के माध्यम से जानकारी भी लेख कराई जाएगी।
जानवर से जंगल रहेगा सुरक्षित
दमोह डीएफओ एमएस उइके ने कहा कि मैं भी कुछ दिन पहले गया था तो उस समय तेंदुआ नहीं मिला। ग्रामीणों से जानकारी ली तो उन्होंने बताया तेंदुआ एक स्थान पर नहीं रुकता। समय- समय पर स्थान बदलता रहता है। बाद में डीएफओ ने खुद वन अमले के साथ रात्रि में लोगों को जागरूक किया। वन अमले को निर्देश दिए कि ग्रामीणों को जंगल की ओर न जाने दें। डीएफओ ने क्षेत्र के लोगों से अपील करते हए कहा है कि इनकी रक्षा करना सबका कर्तव्य है