
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 12 अप्रैल 2023 को नवनियुक्त शिक्षकों के प्रशिक्षण में द्वितीय वर्ष से 100 प्रतिशत वेतन देने की घोषणा की थी, परंतु आदेश आज तक जारी नहीं हुए हैं।
आज से एक वर्ष पूर्व 12 अप्रैल 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम हाउस से हजारों नवनियुक्त शिक्षकों को प्रशिक्षण के साथ नियुक्ति पत्र प्रदान करते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया था कि नवनियुक्त शिक्षकों को प्रथम वर्ष में 70 प्रतिशत एवं अच्छा पढ़ाने पर द्वितीय वर्ष से 100 प्रतिशत वेतन दिया जाएगा, परंतु आज 12 अप्रैल 2024 को पूर्व सीएम की घोषणा के एक वर्ष बीतने के बावजूद भी नवनियुक्त शिक्षक 100 प्रतिशत वेतन के इंतजार में हैं।
गौरतलब है कि 2019 में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार भी आदेश जारी कर चुकी थी। कमलनाथ सरकार ने भी कोविड के समय प्रदेश के नवनियुक्त कर्मचारियों के लिए प्रथम वर्ष में 70, द्वितीय वर्ष में 80, तृतीय वर्ष में 90 एवं चतुर्थ वर्ष से 100 प्रतिशत वेतन देने के आदेश जारी कर दिए थे। उसके बाद कांग्रेस पार्टी प्रदेश में सत्ता से बाहर हो गई और फिर से 2020 में भाजपा की सरकार बनी और शिवराज सिंह पुनः मुख्यमंत्री बने। उन्होंने 12 अप्रैल 2023 को नवनियुक्त शिक्षकों के प्रशिक्षण में द्वितीय वर्ष से 100 प्रतिशत वेतन देने की घोषणा की थी, परंतु आदेश आज तक जारी नहीं हुए हैं। वर्तमान समय में पूर्ण बहुमत के साथ पुन: भाजपा की सरकार बन चुकी है और मोहन यादव निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं, उसके बावजूद भी नवनियुक्त शिक्षकों के साथ-साथ अन्य शासकीय कर्मचारियों को 100 प्रतिशत वेतन के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। आज की तारीख में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान लोकसभा संसदीय क्षेत्र विदिशा से प्रत्याशी के तौर पर चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार दे सकती है तो मध्य प्रदेश क्यों नहीं
नवनियुक्त शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रंजीत गौर का कहना है कि जब छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने सभी नवनियुक्त कर्मचारियों को 100 प्रतिशत वेतन देने के आदेश जारी कर दिए हैं तो फिर मध्यप्रदेश में इतना इंतजार क्यों.? जबकि पूर्व सीएम ‘मामाजी’ तो अपने वचन के पक्के हैं और वर्तमान सीएम मोहन यादव भी सार्वजनिक मंचों से कई बार यह कहते हुए पाए गए हैं कि पिछली सरकार की किसी भी योजना को बंद नहीं किया जाएगा। उसके बावजूद भी पूर्व सीएम द्वारा लिए गए फैसले पर अभी तक अमल ना होना चिंता का विषय है। आचार संहिता लगने से पहले नवनियुक्त शिक्षकों द्वारा 100 प्रतिशत वेतन एवं परवीक्षा अवधि को कम कराने के लिए स्कूल शिक्षामंत्री उदयप्रताप सिंह, वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन यादव तक को कई बार आवेदन पत्र भी सौंपे जा चुके हैं।