
Khandwa News: पिता के निधन के बाद शासकीय योजना का लाभ पाने के लिए एक अनाथ नाबालिग युवा से रिश्वत मांगी जा रही थी। लोकायुक्त पुलिस ने दो आरोपियों को 36 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
मध्य प्रदेश के शासकीय कार्यालयों में भ्रष्टाचार किस कदर व्याप्त है, इसकी एक बानगी प्रदेश के खंडवा जिले में देखने को मिली। अपने पिता के निधन के बाद शासकीय योजना का लाभ पाने के लिए एक अनाथ हो चुके नाबालिग युवा से रिश्वत मांगी जा रही थी। इस दौरान नाबालिग किशोर युवक ने इंदौर की संभागीय लोकायुक्त पुलिस को इसकी सूचना दी। इसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने दो आरोपियों को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है।
खंडवा नगर के सिविल लाइन स्थित महिला एवं बाल विकास कार्यालय में शुक्रवार दोपहर इंदौर से आई लोकायुक्त पुलिस की टीम ने दो लोगों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए रिश्वत लेने के जुर्म में गिरफ्तार किया है। खंडवा के संजय नगर क्षेत्र के रहने वाले एक नाबालिग अमन राठौर के पिता की मृत्यु लगभग सात माह पूर्व हो गई थी। इसके बाद करीब एक महीने पहले उन्होंने मुख्यमंत्री बाल कल्याण योजना के अंतर्गत सहायता राशि पाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग में आवेदन दिया था। उन्हें एवं उनकी छोटी बहन दोनों को आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए 4000 रुपये प्रतिमाह के मान से स्वीकृत हुआ था। वहीं करीब सात माह के 56000 रुपये आवेदक के खाते में ट्रांसफर भी हो गए थे।
हालांकि, इस राशि को पाने एवं योजना अनुसार आगे भी इसके लाभ जारी रखने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग खंडवा में सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पदस्थ मनोज दिवाकर एवं कंप्यूटर ऑपरेटर संजय जगताप ने इनसे 36 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की जा रही थी। इसके बाद शुक्रवार दोपहर इंदौर से आई लोकायुक्त की टीम ने दोनों आरोपियों को आवेदक अमन से 36 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों ट्रेप कर लिया। आरोपी मनोज दिवाकर एवं संजय जगताप के विरुद्ध धारा सात भ्रनिअ एवं धारा 120बी IPC का प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया गया है।
दो कर्मचारी मांग रहे थे 36000 रु रिश्वत
इस कार्रवाई को लेकर शिकायतकर्ता अमन राठौर ने बताया कि उनके पिता की मृत्यु करीब सात माह पूर्व हो चुकी है। इस पर एक माह पूर्व उन्होंने सहायता राशि के लिए आवेदन लगाया था। शासकीय योजना के 56 हजार रुपये का पेमेंट उनके खाते में आया था। इसमें 36 हजार रुपये की रिश्वत ऑफिस के दो कर्मचारी मांग रहे थे। इस पर हमने यह कार्रवाई की और हमने उन्हें 36 हजार रुपये नगद देकर पकड़ा दिया।
इंदौर से आई टीम ने रंगे हाथों किया ट्रैप
इस पूरी कार्रवाई को अं
जाम देने वाली टीम के लोकायुक्त डीएसपी आरडी मिश्रा ने बताया कि अमन राठौर ने महिला एवं बाल विकास विभाग में उनके एवं उनकी बहन के लिए आवेदन दिया था। इसके बाद यहां सामाजिक कार्यकर्ता के पद पर मनोज दिवाकर और कंप्यूटर ऑपरेटर संजय जगताप ने आवेदक का काम करने के एवज में उनसे रिश्वत मांगी थी। तब आवेदक ने लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक इंदौर को आवेदन दिया था। उन्होंने टीम गठित की थी। आरोपियों को 36 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए ट्रेप किया गया है।