
भैरूंदा में देश की सबसे बड़ी राम रूप की कृति बनाकर तैयार की गई है। यह कृति 13 हजार वर्ग फीट में बनाई गई है। जिसे बनाने में 24 कलाकारों ने मेहनत की है। संभवतः यह कृति रामरूप की सबसे बड़ी कृति है। इस कलाकृति को बनाने में पूरे 50 घंटे से भी अधिक का समय लगा।
टीम विश्व गुरू द्वारा कुछ अलग कर गुजरने की जो जिद मन में ठानी गई थी, उसे उन्होंने पूरा कर दिखाया।बीते 13 अप्रैल से लगातार रात के समय 50 घंटे की कड़ी मशक्कत कर गिट्टी, पीली मिट्टी, रामरज, सोनडाल और चूने से बनकर तैयार हुई 13 हजार वर्ग फीट में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की कलाकृति को नगरवासियों ने खूब निहारा। इस दौरान भेरुन्दा के नगरवासियों ने टीम विश्व गुरू के सभी कलाकारों की भूरी-भूरी प्रशंसा भी की। नगरवासियों द्वारा लगाए गए असंख्य दीपों से कलाकृति को सजाया गया, जिससे दशहरा मैदान पर दीपावली जैसा नजारा दिखाई दिया। लोग कलाकारों की इस कलाकृति के दर्शन लाभ ले सके इसके लिए तीन दिनों तक इसे सुरक्षित रखा जायेगा।
अयोध्या में स्थापित रामलला के प्रतिरूप हर जगह देखने को मिल रहे हैं। भैरूंदा में देश की सबसे बड़ी राम रूप की कृति बनाकर तैयार की गई है। यह कृति 13 हजार वर्ग फीट में बनाई गई है। जिसे बनाने में 24 कलाकारों ने मेहनत की है। संभवतः यह कृति रामरूप की सबसे बड़ी कृति है। टीम विश्व गुरू के टीम हेड सीएल मालवीय, देवेन्द्र कुशवाह, साक्षी राजपूत व वेदांत बांके ने बताया कि इस कलाकृति को बनाने में पूरे 50 घंटे से भी अधिक का समय लगा। जिसमें 1 डंपर गिट्टी, 2 डंपर पीली मिट्टी, 2 क्विंटल सोनडाल, 50 किलो रामरज, 4 क्विंटल चूने का उपयोग किया गया है। कलाकृति का निर्माण पूरा होने के बाद टीम द्वारा यहां 1100 दीप जलाकर इसे सजाया गया। इसके बाद भैरूंदा शहर से दशहरा मैदान पर पहुंचे सनातनियों द्वारा यहां असंख्य दीप जलाकर मर्यादा पुरुषोत्तम की महाआरती की।
लंदन हार्वर्ड बुक में दर्ज हुई कलाकृति, कलाकारों को मिले प्रमाण पत्र
तीसरी बार हैट्रिक लगाते हुए टीम ने भैरूंदा शहर में बनाई गई कलाकृति को भी लंदन हार्वर्ड बुक में दर्ज कराया। देर शाम को नवा पारायण समिति द्वारा सभी कलाकारों को हार्वर्ड से प्राप्त प्रमाण पत्रों को कलाकारों को भेंट कर उन्हें सम्मानित किया गया। ज्ञात रहे कि इसके पहले हरदा में पुराने कपड़ों की कतरन से 12 हजार वर्ग फीट में शहीद भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरू तथा अयोध्या में 13 हजार वर्ग फीट में भगवान श्री राम की विभिन्न प्रकार के अनाजों से कलाकृति का निर्माण कर टीम विश्व गुरू दो बार लंदन हार्वर्ड बुक में अपना नाम दर्ज कर चुकी थी।