
नगर निगम ने इंदौर में 531 काॅलोनियों के रेट जोन बदले है। इनमें सुदामा नगर, सुखदेव नगर, अाशीष नगर, एरोड्रम क्षेत्र, निपानिया क्षेत्र, लसुडि़या क्षेत्र, अन्नपूर्णा, उषा नगर, श्रमिक क्षेत्र सहित अन्य इलाके शामिल है।
लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद नगर निगम ने इंदौर की 500 काॅलोनियों में संपत्ति कर बढ़ा दिया गया है। इस प्रस्ताव को आठ माह पहले बजट सम्मेलन में दी गई थी, लेकिन उसे लागू अब किया गया। कांग्रेस ने नगर निगम के इस फैसले का विरोध शुरू कर दिया है। शाम को नगर निगम मुख्यालय पर प्रदर्शन भी किया जाएगा।
इंदौर में इलाकों को अलग-अलग रेट जोन में रखा गया है और उसके हिसाब से प्राॅपर्टी टैक्स नगर निगम वसूलता है। एक से लेकर पांच तक अलग-अलग जोनों में शहर की 2210 काॅलोनियों को रखा गया है। एक नंबर रेट जोन में शहर के पाॅश इलाके शामिल है, जबकि रेट जोन पांच में शहर की बस्तियां, पुराने मोहल्ले और निम्न वर्ग के लिए बनी काॅलोनियां शामिल है।
नगर निगम ने इंदौर में 531 काॅलोनियों के रेट जोन बदले है। इनमें सुदामा नगर, सुखदेव नगर, आशीष नगर, एरोड्रम क्षेत्र, निपानिया क्षेत्र, लसुड़िया क्षेत्र, अन्नपूर्णा, उषा नगर, श्रमिक क्षेत्र सहित अन्य इलाके शामिल है।
पहले ये इलाके रेट जोन पांच या चार में थे। यहां के संपत्तिधारियों से 16 और 18 रुपये प्रतिवर्ग फीट के हिसाब से टैक्स वसूला जाता था, लेकिन अब उन्हें दो या तीन नंबर के रेट जोन में शामिल किया गया है। जहां 26 और 21 रुपये प्रति वर्गफीट के हिसाब से टैक्स का पैमाना तय होता है। शहर में कई अवैध काॅलोनियां है। जिनसे नगर निगम प्राॅपर्टी टैक्स नहीं वसूलता।
बायपास की काॅलोनियां सबसे ज्यादा प्रभावित
बायपास के मायाखेड़ी, बिचौली मर्दाना, पिपलियाकुमार जैसे इलाके पहले ग्रामीण क्षेत्रों में शामिल थे। बीते 15 सालों में सबसे ज्यादा टाउनशिप इन क्षेत्रों में विकसित हुई है। पहले नगर निगम इन क्षेत्रों को कम रेट जोन में रखता था, लेकिन अब टाउनशिपों के आधार पर अलग-अलग रेट जोन में उन्हें रखा गया है। सबसे ज्यादा रेट जोन में बदलाव इस क्षेत्र में हुआ है।
बेवजह शहरवासियों पर बोझ
नगर निगम नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने कहा कि बजट में मेयर ने नया टैक्स नहीं बढ़ाने की घोषणा की थी, तो फिर यह फैसला कैसे ले लिया। लोकसभा चुनाव समाप्त होने के बाद इसे लागू कर भाजपा ने बता दिया कि वह जनता से वादाखिलाफी भी कर सकती है।