
दमोह शहर के घंटाघर के पास बना सराफा बाजार 100 साल पुराना हो गया और बिल्डिंग भी जर्जर हो चुकी है। सराफा बाजार का अंग्रेजों ने निर्माण कराया था और नाम दिया था रीठगंज कोठली। नगर पालिका द्वारा इस भवन को कंडम घोषित किया जा चुका है, लेकिन इसके बाद भी यहां 56 से अधिक दुकानों का संचालन हो रहा है।
दमोह शहर के घंटाघर के पास बना सराफा बाजार 100 साल पुराना हो गया और बिल्डिंग भी जर्जर हो चुकी है। सराफा बाजार का अंग्रेजों ने निर्माण कराया था और नाम दिया था रीठगंज कोठली।
नगर पालिका द्वारा इस भवन को कंडम घोषित किया जा चुका है, लेकिन इसके बाद भी यहां 56 से अधिक दुकानों का संचालन हो रहा है, जिससे कभी कोई बड़ी घटना होने की संभावना है। पिछले साल अगस्त में हुई बारिश के दौरान इस भवन के आगे का छज्जा टूटकर गिर गया था, जिससे नीचे खड़ी बाइक क्षतिग्रस्त हो गई थी और कई लोग बाल-बाल बचे थे। इसके बावजूद भी इस जीर्णशीर्ण हो चुके भवन को गिराने के लिए नगर पालिका द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
हो सकता है हादसा
स्थानीय लोग बताते हैं कि यह भवन 100 साल पुराना है, जिसका ऊपरी हिस्सा काफी जर्जर हो चुका है। छज्जा भी कमजोर हो चुका है। ऐसे में यह भवन कभी भी गिर सकता है। तीन साल पहले तत्कालीन सीएमओ निशिकांत शुक्ला द्वारा इस बिल्डिंग को गिराकर उसकी जगह नया कॉम्प्लेक्स बनवाने का प्रस्ताव तैयार कराया गया था। ताकि सड़क चौड़ी हो सके और दुकानदारों को भी व्यवस्थित रूप से जगह उपलब्ध हो सके। इसके लिए बिल्डिंग में दुकान लगाने वाले 56 सराफा दुकानदारों को भवन खाली करने के लिए नोटिस भी दिया गया था। जिसमें उन्हें एक माह की मोहलत दी गई थी। इसके विरोध में यहां के व्यापारियों ने प्रशासन को ज्ञापन दिया। इसके बाद इस मामले में आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई।
नगर पालिका कर चुकी कंडम घोषित
बता दें कि नगर पालिका के रिकार्ड में शहर में 30 भवन कंडम हालत में हैं, जिसमें सराफा भी शामिल है। इन भवनों में रहने वाले लोगों को भवन खाली कराने के लिए नगर पालिका द्वारा केवल नोटिस दिए जाते हैं, लेकिन उन्हें खाली नहीं कराया जाता। ऐसे में किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। गौरतलब है कि इस सराफा बिल्डिंग का निर्माण अंग्रेजों द्वारा कराया गया था। जिसे रीठगंज कोठली नाम दिया गया था।
कॉम्प्लेक्स बनने से चौड़ी हो जाएगी सड़क
सराफा बाजार की दुकानों के बाहर मुख्य सड़क की चौड़ाई महज 20 फीट की है। दुकानों के बाहर बाइक व अन्य वाहन खड़े होने से यह सड़क दोपहर में केवल 15 फीट की रह जाती हैं। ऐसे में इस मार्ग पर दिन भर यातायात बाधित रहता है। चार पहिया वाहनों की क्रासिंग के दौरान जाम लग जाता है। खास बात यह है कि यह सड़क सबसे व्यस्ततम मार्ग हैं। इसी मार्ग से करीब 15 वार्डों के लोग मुख्य बाजार के लिए आते-जाते हैं। जिससे इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही दिन भर बनी रहती है। यदि इस जर्जर भवन को गिराकर उसकी जगह व्यवस्थित रूप से कॉम्प्लेक्स बन जाए तो यहां पर 30 फीट चौड़ी सड़क निकल सकती है। जिससे शहरवासियों को जाम से राहत मिलेगी। नगर पालिका सीएमओ सुषमा धाकड़ का कहना है कि लोक निर्माण शाखा से इसकी फाइल को निकलवाकर दिखवा लेती हूं। यदि बिल्डिंग कंडम हो चुकी है और लोगों के लिए खतरा है तो कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में कोई हादसा न हो।