
एमपी के नर्सिंग कॉलेज में गड़बड़ी की जांच सीबीआई कर रही है। लेकिन कांग्रेस के नेता कमलनाथ और अरुण यादव ने मांग की है मामले की जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में की जाए।
मध्य प्रदेश के नर्सिंग कॉलेज में हुए घोटाले को लेकर सीबीआई जांच कर रही है। इसी सीबीआई के ही कुछ अधिकारियों को मामले में शामिल होने पर केंद्रीय दल ने गिरफ्तार किया है। इसके बाद से कांग्रेस हमलावर है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने मांग की है कि नर्सिंग घोटाले की जांच हाई कोर्ट के निगरानी में निष्पक्ष रूप से की जाए।
न्यायाधिपति स्वतः संज्ञान लेकर कराएं जांच की भी जांच
पूर्व केंद्रीय नगर मंत्री अरुण यादव ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि नर्सिंग घोटाले में माननीय हाई कोर्ट के निर्देश के बाद हुई सीबीआई जांच (राजनैतिक संरक्षण से हुए महाभ्रष्टों और व्यापक स्तर पर हुए भ्रष्टाचार) की तस्वीर सामने आने के बाद अब यह स्पष्ट हो चुका है कि व्यापमं महाघोटाले की जांच किस तरह हुई होगी।
कालेधन का टेम्पो कहां-कहां पहुंचा होगा
यादव ने कहा कि अब ज़रूरी है कि मप्र के नए माननीय न्यायाधिपति जी स्वत: संज्ञान लेकर नर्सिंग और व्यापमं दोनों ही महाघोटालों की जांच की भी जांच करवाएं, क्योंकि भ्रष्टाचार की नदी देश एवं प्रदेश में अब समुंदर के रूप में तब्दील हो चुकी है और देश-प्रदेशवासियों का विश्वास अब सिर्फ और सिर्फ न्यायपालिका पर ही है। उन्होंने कहा है कि मुझे यकीन है कि अब न्यायपालिका ही इन वास्तविक भ्रष्टाचारियों के चेहरों को बेनकाब कर इनके मंसूबों पर कालिख पोतेगी।
एजेंसियों ने जांच के नाम पर जमकर किया भ्रष्टाचार
पूर्व सीएम कमलनाथ में अपने सोशल साइट एक्स पर लिखा कि मध्य प्रदेश का नर्सिंग कॉलेज घोटाला भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा है। अब यह साफ़ दिख रहा है कि राज्य और केंद्र की जांच एजेंसियों ने जांच के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया। इससे यह भी पता चलता है कि मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले में कैसे लीपापोती की गई होगी? पटवारी भर्ती घोटाले को कैसे क्लीन चिट मिली होगी? महाकाल लोक घोटाले के गुनहगारों को कैसे बचाया गया होगा? जांच में इस तरह का भ्रष्टाचार बिना ऊपर के संरक्षण के नहीं हो सकता। सच्चाई तभी सामने आ सकती है जब उच्च न्यायालय की निगरानी में निष्पक्ष जांच करायी जाए।