
नगर पालिका अध्यक्ष पेट दर्द का उपचार कराने के लिए सिविल अस्पताल पहुंची थीं। उपचार नहीं मिलने पर उन्हें बताना पड़ा कि वह नगर पालिका अध्यक्ष लता सकवार हैं। जिस पर डॉक्टर ने यह तक कह दिया कि आप अध्यक्ष नहीं लग रही हैं। हालांकि, बाद में मामला बिगड़ता देख डॉक्टर ने अध्यक्ष का उपचार किया।
बीना का सिविल अस्पताल अव्यवस्थाओं को लेकर अक्सर चर्चा में रहता है। जिसे लेकर प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों तक से गुहार लगाई जा चुकी है। लेकिन, अव्यवस्थाएं जस की तस बनी हुई है। इस अवस्था का शिकार नगर पालिका अध्यक्ष भी हो गईं, जो रात में पेट दर्द से परेशान होकर उपचार के लिए सिविल अस्पताल पहुंची थीं। उपचार नहीं मिलने पर उन्हें बताना पड़ा कि वह नगर पालिका अध्यक्ष लता सकवार हैं। जिस पर डॉक्टर ने यह तक कह दिया कि आप अध्यक्ष नहीं लग रही हैं।
हालांकि, बाद में मामला बिगड़ता देख डॉक्टर ने अध्यक्ष का उपचार किया। लेकिन, उन्हें आराम नहीं मिला तो उन्हें प्राइवेट अस्पताल जाना पड़ा। अब आप समझ सकते हैं कि जब जनप्रतिनिधियों का सिविल अस्पताल में यह हाल है तो आम लोगों के साथ क्या होता होगा। सूचना मिलते ही वार्ड पार्षद बीड़ी रजक, विजय लखेरा जितेंद्र बोहरे सहित कई नेता और कार्यकर्ता सिविल अस्पताल पहुंचे और धरने पर बैठ गए।