
19 मई की रात ब्रिटिश कालीन बरांडा एक शॉपिंग मॉल निर्माण की खुदाई के दौरान धराशाई हो गया था। 15 दिन बाद शनिवार रात को इसके मलबे में दबी पोकलेन मशीन को बाहर निकाला गया है।
दमोह शहर के प्राचीन बरांडा के धराशाई होने के 15 दिन बाद शनिवार की रात प्रशासन और पुलिस के अमले ने उस पोकलेन मशीन को बाहर निकाला जो इस मलबे में दब गई थी। इतने दिनों से वह मशीन 50 फीट ऊंचे बरांडा के मलवे में दबी थी। तीन क्रेनों की मदद से उसे बहार निकाला गया है। रात करीब 10 बजे एसडीएम की मौजूदगी में यह कार्रवाई की गई। जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग भी बरांडा पहुंचे।
बता दें कि 19 मई की रात ब्रिटिश कालीन बरांडा एक शॉपिंग मॉल निर्माण की खुदाई के दौरान धराशाई हो गया था। गनीमत रही की रात 10 बजे यह बरांडा गिरा, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई। क्योंकि, बरांडा के नीचे करीब दस से अधिक दुकानों का संचालन होता है। इस प्राचीन बरांडा के धराशाई होने के मामले में कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने 48 घंटे में जांच के निर्देश दिए और स्वप्निल बजाज सहित तीन लोगों पर विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है। साथ ही इस पुरातत्व धरोहर के पुनः निर्माण की बात कही गई है। ऐसे में कुछ ही दिनों में यह ब्रिटिश कालीन बरांडा अपने पुराने स्वरूप में खड़ा हो जाएगा।
शनिवार की रात एसडीएम आरएल बागरी, एडिशनल एसपी संदीप मिश्रा, नगर पालिका सीएमओ सुषमा धाकड़ के अलावा राजस्व और नगर पालिका का अमला तीन क्रेन मशीन लेकर गांधी चौक पहुंचा था। सबसे पहले वहां पर भीड़ को नियंत्रित किया गया। क्योंकि, लोगों का हुजूम इस नजारे को देखने के लिए यहां पहुंच गया था। करीब 4 घंटे की मशक्कत के बाद वह पोकलेन मशीन को बाहर निकाया गया। इस पोकलेन मशीन का चालक भी मलवे में दबने के कारण गंभीर रूप से घायल हो गया था। कार्रवाई को लेकर एसडीएम बागरी ने बताया कि अभी मलवा हटाकर पोकलेन मशीन निकालने के निर्देश उन्हें मिले थे। मशीन निकलवा दी गई है आगे की कार्रवाई जारी रहेगी।