
ग्राम निनोरा में सरकारी जमीन पर क्षिप्रा नदी का एक घाट बन गया और अफसरों को ही पता नहीं। जब मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान उन्हें यह जानकारी दी तो वह भी आश्चर्य में पड़ गए।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान उज्जैन के अधिकारियों को ही चौंका दिया। उन्होंने बताया कि इंदौर स्थित ग्राम निनौरा में 60 वर्षीय महिला ने स्वयं के खर्चे से 50 लाख रुपये से अधिक खर्च कर क्षिप्रा नदी पर एक पक्का घाट बनवाया है। अधिकारियों को इसकी जानकारी ही नहीं थी।
इंदौर रोड स्थित उज्जैन का निनौरा गांव इन दिनों सरकारी महकमे में चर्चा में हैं। यहां हुए एक कार्य की जानकारी स्वयं मुख्यमंत्री ने अफसरों को दी है। निनौरा गांव में रहने वाली महिला सीताबाई, 60 वर्ष, ने पति और बेटे की स्मृति में अनुकरणीय कार्य किया है। उन्होंने जूना निनौरा गांव में 50 लाख रुपये से अधिक की राशि से गांव के क्षेत्र में ही क्षिप्रा नदी पर घाट का निर्माण कराया है। इसके साथ ही यहां पर एक सुंदर मंदिर भी उन्होंने बनवाया है। निनौरा गांव में शिप्रा नदी पर लंबा चौड़ा घाट बनकर तैयार हो गया और किसी को इसकी जानकारी भी नहीं लगी। सीताबाई ने यह कार्य प्रचार –प्रसार से दूर रहते हुए किया है। इसकी जानकारी उस समय लगी जब सिंहस्थ की वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस कार्य का जिक्र किया। गांव में घाट का निर्माण करने वाली सीताबाई पति स्वर्गीय शंकरलाल जूना निनौरा की रहने वाली हैं। उन्होंने हाल ही में शिप्रा नदी पर करीब 200 फीट चौड़ा और इतना ही लंबा घाट सार्वजनिक उपयोग के लिए बनवाया है। उनके पति और बेटे की दुर्घटना में मौत हो गई थी। दोनों की स्मृति में यह घाट बनवाया गया है। घाट नदी किनारे की सरकारी जमीन पर बनाया गया है। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार गांव में सेवा एवं सार्वजनिक सेवा के लिए यह एक अनुकरणीय उदाहरण हैं। ग्रामीण क्षेत्र में धर्म-कर्म के लिए यह घाट सार्वजनिक उपयोग में महत्वपूर्ण साबित होगा। ग्रामीण बताते हैं कि सीताबाई की टोल टेक्स नाके के पास मुख्य रोड से लगी जमीन थी। उसी को उन्होंने बेचने के बाद समाज के लिए कुछ करने का मन बनाया था। इसी के तहत उन्होंने घाट का निर्माण किया और उस पर सुंदर मंदिर का निर्माण भी करवाया है।