
हटा सिविल अस्पताल पहुंची युवती का डॉक्टरों की टीम ने परीक्षण किया। जिसमें सामने आया कि युवती के हाथ और पैर पर जो घाव हैं, वह ज्यादा दूरी पर नहीं हैं। इनकी गहराई भी कम है। ऐसे में यह साफ है कि उसके शरीर पर यह घाव अपने आप नहीं हो रहे हैं। डॉक्टर ने मनोरोग विशेषज्ञ से उसका इलाज कराने की आवश्यकता बताई है।
दमोह जिले के गैसाबाद थाना क्षेत्र के महूना गांव निवासी एक युवती के शरीर पर अपने आप घाव होने की बात कही जा रही है। शुक्रवार को उसे इलाज के लिए पुलिस के सहयोग से हटा सिविल अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मनोरोग विशेषज्ञ से इलाज कराने के लिए जबलपुर रेफर कर दिया। लेकिन, परिजन उसे जबलपुर ले जाने की जगह अपने घर ले गए।
इससे पहले अस्पताल पहुंची डॉक्टरों की टीम ने युवती का परीक्षण किया। जिसमें सामने आया कि युवती के हाथ और पैर पर जो घाव हैं, वह ज्यादा दूरी पर नहीं हैं। इनकी गहराई भी कम है। ऐसे में यह साफ है कि उसके शरीर पर यह घाव अपने आप नहीं हो रहे हैं। इसलिए, डॉक्टर का कहना है कि मनोरोग विशेषज्ञ से उसका इलाज कराना जरूरी है।
बता दें कि गैसाबाद थाना के मुहन्ना गांव निवासी कृष्णा दहायत (18) के हाथ और पैर पर चोट के घाव होने का मामला सामने आया था। गैसाबाद थाना प्रभारी विकास चौहान ने महिला पुलिस की मदद से उसे हटा अस्पताल में भर्ती कराया। गुरुवार को पीड़िता बाथरूम से लौटकर आई तो तो उसके शरीर पर एक बार फिर नए छोटे-छोटे दो से तीन घाव हो गए। युवती और उसकी मां लाड़ली के साथ चर्चा के बाद डॉ. यूएस पटेल ने पीड़िता की समस्या के समाधान के लिए उसे मनोरोग चिकित्सक से इलाज कराने की बात कहते हुए जबलपुर रेफर कर दिया। लेकिन, पीड़िता के जीजा और उसकी मां ने जबलपुर जाने में असहमति व्यक्त की और बेटी को अपने घर ले गई। अब महिला बाल विकास की टीम ही परिवार की काउंसलिंग कर युवती को इलाज के लिए भेज सकती है।