
पौड़ी, माझा और जेटगढ़ के किसान फसलों के लिए इसी जलाशय से पानी लेते थे। मगर जुलाई के बाद तालाब में पानी रुका ही नहीं, इसलिए सैकड़ों एकड़ जमीन पूरे साल बंजर पड़ी रही।
दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक का पौड़ी जलाशय पिछले साल जुलाई महीने में फूट गया था, जिसमें सैकड़ों किसानों की फसल खराब हो गई थी। अब एक साल बाद इसका निर्माण कार्य शुरू होने जा रहा है, जिससे यहां के स्थानीय लोगों के साथ उन किसानों को राहत मिल जाएगी, जिनकी फसलें जलाशय फूटने के बाद बर्बाद हो गई थी।
तालाब फूटने के बाद पौड़ी गांव मे बाढ़ जैसे हालत बन गए थे और दो गांव के लोग काफ़ी प्रभावित हुए। कुछ घर भी डूब गए थे और खेतो में लगी फसल पर मिट्टी और मलवे की चादर चढ़ गई थी। पिछले एक साल से पौड़ी गांव के लोग उस आफत से लड़ रहे हैं और अब जाकर तालाब की मरम्मत का कार्य मंजूर हुआ है। जबेरा विधायक और राज्यमंत्री धर्मेंद सिंह लोधी द्वारा कार्य मंजूर कराया गया है और शीघ्र ही काम शुरू होगा।
इस तरह हुआ था हादसा
चार जुलाई 2023 की शाम से इस तालाब का पानी का रिसना शुरू हुआ था। जानकारी लगते ही अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पहले रिसने वाले पानी को बंद करने के लिए काफी प्रयास किए, सफलता नहीं मिली तो आधी रात को गांव खाली करवाया गया और इसी रात तालाब फूट गया।तालाब फूटने के बाद पौड़ी में बाढ़ के हालात बन गए। यहां खुदे कुआं और खेतों में मलवे की परत जम गई थी। उसके बाद से लेकर आज तक यहां के लोग अनेक परेशानियों का सामना कर रहे हैं। क्योंकि तालाब में भरे पानी से खेतों की सिचाई, मवेशियों और जंगली जानवरों को पानी मिल जाता था, लेकिन इस वर्ष पौड़ी जलाशय फूटा पड़ा है।
72 लाख रुपये की लागत से हो रहा कार्य
पौड़ी जलाशय फूटने के बाद जबेरा विधायक और वर्तमान मंत्री धर्मेंद्र सिंह दूसरे दिन ही पौड़ी पहुंचे थे। गांव का भ्रमण किया था और उसके बाद तत्कालीन केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने गांव में बेघर लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई थी। वहीं, धर्मेंद्र सिंह ने तत्काल ही अधिकारियों को तालाब निर्माण के लिए पत्राचार किया था और अब तालाब की मरम्मत के लिए राज्यमंत्री के प्रयासों से 72 लाख रुपये मंजूर हुए हैं, जिसका कार्य जल संसाधन विभाग द्वारा कराया जाना है।
मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने बताया कि पौड़ी जलाशय फूटने के बाद पत्राचार शुरू कर दिए थे। लेकिन विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव होने के कारण निर्माण कार्य की मंजूरी नहीं मिल पाई थी। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म हो गई है। मरम्मत का कार्य 72 लाख की लागत से होना है, जिसकी मंजूरी भी मिल गई है। कुछ ही दिनों में काम शुरू हो जाएगा।
कई एकड़ जमीन पड़ी रही बंजर
जुलाई महीने में फूटे तालाब के कारण धान की फसल तालाब से निकलने वाले मलवे में दब कर खराब हो गई थी और पानी के अभाव में कई किसान गेहूं की फ़सल नहीं लगा पाए। क्योंकि पौड़ी, माझा और जेटगढ़ के किसान फसलों के लिए इसी जलाशय से पानी लेते थे। मगर जुलाई के बाद तालाब में पानी रुका ही नहीं, इसलिए सैकड़ों एकड़ जमीन पूरे साल बंजर पड़ी रही। अब जलाशय निर्माण हो रहा है, जिससे किसान फिर से अपनी फसल लगा सकेंगे।