
नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बच्चों को बताया कि जब तक प्रकृति है तब तक मनुष्य जिंदा है, सबसे पहले इसका संरक्षण करना होगा
भीषण गर्मी से परेशान हुए इंदौर में हरियाली लौटाने के लिए अब बच्चे भी आगे आने लगे हैं। बच्चों ने संकल्प लिया है कि वे अब शहर में पेड़ों को कटने नहीं देंगे और प्रकृति की रक्षा के लिए हर स्तर पर प्रयत्न करेंगे।
सैकड़ों बच्चे नुक्कड़ नाटक देखने पहुंचे
संस्था अभिश्री फाउंडेशन और बस्ती फाउंडेशन के द्वारा इंदौर की बस्तियों में बच्चों को प्रकृति संरक्षण का महत्व समझाया जा रहा है। इसी कड़ी में लसूड़िया क्षेत्र के रविदास नगर की बस्ती में नुक्कड़ नाटक आयोजित किया गया। बच्चों को अभियन, मौज मस्ती और प्यारे संदेशों के माध्यम से बताया गया कि प्रकृति ही हमारे जीवन में सर्वोपरि है। यदि प्रकृति है तो हम हैं। नुक्कड़ नाटक देखने के लिए बस्ती के सैकड़ों बच्चे पहुंचे और उनके माता पिता ने भी इसमें भाग लिया।
जब बिल्डिंगें और कारखाने नहीं थे तब भी इंसान स्वस्थ और संपन्न था
ध्वनिल संस्था द्वारा आयोजित इस नुक्कड़ नाटक को सागर शेंडे एवं उनकी टीम द्वारा खेला गया। युवाओं की इस टीम ने बस्ती के बच्चों को बताया कि जब यह बड़ी बड़ी बिल्डिंगें, कारखाने, सड़कें नहीं थे तब भी इंसान बहुत खुश था और स्वस्थ था। प्रकृति ही एकमात्र माध्यम थी जो इंसान का भरण पोषण करती थी। आज हम अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति का दोहन करते जा रहे हैं और उसे तहस नहस कर रहे हैं। इससे न सिर्फ मानव जाति बल्कि पूरी सृष्टि खतरे में पड़ गई है। कार्यक्रम में छाया कुशवाह, रिंकू यादव, सारिका, सुहानी, अंकुर अशोक लोकरे और सुरभी लोकरे ने बच्चों को प्रकृति से जुड़ी जरूरी जानकारियां दी।