
पूर्व वित्त मंत्री मलैया ने कहा कि पानी की समस्या को देखते हुए हमें पुराने जल स्रोतों को संभाल कर और बचा कर रखना चाहिए। इसके लिए सभी को एकजुट होना पड़ेगा। नगर पालिका को तालाब की देखरेख करनी थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उम्मीद है कि अब ऐसा किया जाएगा।
दमोह के बेलाताल में रविवार को सफाई अभियान चलाया गया। जिसमें सैकड़ों लोगों के साथ पूर्व वित्तमंत्री जयंत मलैया और कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर के साथ पूरा प्रशासनिक अमला मौजूद रहा। इस दौरान सभी ने मिलकर सफाई की।
बता दें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर प्रदेश भर में 5 जून से 16 जून तक जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें प्रत्येक जिले में प्राचीन जल स्रोतों को सवारने का काम किया जा रहा है। इसी क्रम में दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर भी जिले भर में स्थानीय लोगों के श्रमदान के माध्यम से जल स्रोतों की सफाई करा रहे हैं।
रविवार सुबह शहर के बेलाताल तालाब में श्रमदान किया गया, जिसमें पूर्व वित्त मंत्री और दमोह विधायक जयंत मलैया के अलावा सैकड़ों लोग श्रमदान करने पहुंचे। इस तालाब को कई सालों से साफ करने के लिए दमोह की जनता के द्वारा प्रशासन से मांग की जा रही थी। इस बार इस अभियान के तहत तालाब की सफाई का काम शुरू हो गया है। श्रमदान के साथ-साथ तालाब का गहरीकरण भी हो रहा है।
पूर्व वित्त मंत्री मलैया ने कहा की ये अच्छा कार्य है। जैसे-जैसे समय आगे बढ़ रहा है पानी की समस्या भी बढ़ती जा रही है। हमें पुराने जल स्रोतों को संभाल कर और बचा कर रखना चाहिए। इसके लिए सभी को एकजुट होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि करीब 25 साल पहले उन्होंने दमोह शहर के बेलाताल, फुटेरा तालाब और पुराना तालाब का सौंदरीकरण करवाया था। उस समय इन तालाबों में गहरीकरण और पिचिंग भी हुई थी। यह तालाब नगर पालिका के अंडर में है इसलिए उन्हें इसकी देखरेख करनी थी, लेकिन उनके द्वारा नहीं की गई। जो भी कारण रहे हो लेकिन, उन्हें उम्मीद है कि आगे नगर पालिका इन तालाबों का संरक्षण करेगी।
कलेक्टर कोचर ने कहा कि हम सभी की धार्मिक भावनाओं का ध्यान रखते हैं, लेकिन यह ठीक नहीं की एक पक्ष तालाब की सफाई करें और दूसरा पक्ष तालाब को गंदा करे। सभी से आग्रह है कि किसी भी तरह की सामग्री तालाब में न फेकें। इस समय तालाब की सफाई का कार्य चल रहा है। आगे हम तालाब के किनारों पर ऐसी व्यवस्था करेंगे, ताकि वहां पर आपकी सामग्री रखी जा सके। उन्होंने कहा धार्मिक भावनाओं का सम्मान है, लेकिन इस तरह तालाब को गंदा करना भी ठीक नहीं है। आगे चलकर तालाब में कचरा या अन्य प्रकार की सामग्री फेंकने वालों पर जुर्माना किया जाएगा और कानूनी कार्रवाई भी होगी।