
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में सात करोड़ पौधे लगाए जाना है, लेकिन इंदौर ने प्रदेश सरकार का काम हलका कर दिया। 55 जिले एक तरफ है और इंदौर एक तरफ।
इंदौर में 51 लाख पौधे लगाने के अभियान मुख्यमंत्री मोहन यादव के आतिथ्य में शुरू हुआ। उन्होंने अभियान के लोगो, टोल फ्री नंबर और सांग लांच किया। इस मौके पर अतिथियों ने कहा कि पेड़ लगाना सबसे बड़ा धार्मिक काम है।एक पेड़ लगाना मंदिर बनाने के समान है। इस अभियान केे लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 20 करोड़ रुपये देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में सात करोड़ पौधे लगाए जाना है, लेकिन इंदौर ने प्रदेश सरकार का काम हलका कर दिया। 55 जिले एक तरफ है और इंदौर एक तरफ। इंदौर सफाई में नंबर वन है तो फिर हरियाली मेें क्यों पीछे रहे। इंदौर अब हरा भरा भी नजर आएगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण बिगड़ने के कारण अेाजोन लेयर में छेद हो रहे है। कार्बन डाई आक्साइड बढ़ रही है। ये जो कष्ट बढ़ रहे है। इनका कारण भी मनुष्य है और निवारण भी हमें ही करना है। जैसे हमारा स्वास्थ्य खराब होता है, वैसे ही प्रकृति का स्वास्थ्य भी खराब होता है। जैसे हमारे शरीर की धमनियों में रक्त का प्रवाह होता है। वैैसे ही पेड़, जलसंचनाए पृथ्वी को जीवन देती है। उन्होंने कहा कि इस अभियान में प्रदेश सरकार पूरा सहयोग करेगी। एक पेड़ मां के नाम लगाए। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सबसे बड़ा जलसंग्रहण का काम पेड़ करते है। पहले इंदौर में 10-15 फीट गड्ढे खोदेने पर पानी आता है। अभी आठ सौ फीट का बोरवेल करने पर भी धूल उड़ती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 140 करोड़ पेड़ लगाने का संकल्प लिया है। उनके इस संकल्प मेें इंदौर भी बड़ी भूमिका निभाएगा। विजयवर्गीय ने कहा कि एक दिन में 9 लाख पेड़ लगाने का वर्ल्ड रिकार्ड असम का है। इस रिकार्ड को हम एक दिन में 11 लाख पेड़ लगाकर तोड़ेंगे। हम अपनी पीढ़ी को मकान, जायदादा, पैसा देेते है, लेकिन उनके लिए आक्सीजन की व्यवस्था भी हमें करना होगी। कार्यक्रम में मेयर पुष्य मित्र भार्गव ने कहा कि हमें इंदौर के भविष्य के बारे में सोचना चाहिए। आने वाली पीढ़ी हमे याद रखे। इस तरह का काम करना होगा। इंदौर हरियाली मेें भी नंबर वन बनेगा। कार्यक्रम में सांसद शंकर लालवानी भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने उठाया कलश, तालाब में किया श्रमदान
इंदौर में मुख्यमंत्री ने भंवरासला तालाब में श्रमदान किया। यहां महिलाएं कलश लेकर यात्रा में शामिल हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी कलश उठाया और तालाब में कलश के पानी से जलाभिषेक किया। इसके बाद तालाब में उन्होंने खुदाई कर मिट्टी भी निकाली।