
भोपाल में विधायक और मंत्री के आवास बनाने 29 हजार पेड़ों को काटने का जनता के विरोध के बाद सरकार ने योजना टाल दी है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने प्रस्ताव को अस्वीकृत करने की जानकारी दी।
राजधानी भोपाल के तुलसी नगर और शिवाजी नगर में 29 हजार पेड़ों को काटने से रोकने जनआंदोलन के सामने सरकार को झूकना पड़ा। सरकार तुलसी नगर और शिवाजी नगर में विधायक और मंत्रियों के लिए आवास बनाने का प्रस्ताव लेकर आई। इस योजना में करीब 29 हजार पेड़ों को काट कर आवास बनने थे। इसको लेकर अलग-अलग इलाकों की जनता ने पेड़ों को काटने का विरोध शुरू कर दिया। किसी ने सांकेतिक चिपको आंदोलन, रक्षासूत्र बांधकर पेड़ों को काटने का विरोध शुरू किया। इसमें कांग्रेस नेता भी शामिल हुए। लगातार चले आंदोलन के चलते सरकार को प्रस्ताव को अस्वीकृत करने मजबूर होना पड़ा। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जानकारी दी कि नए भोपाल के पुनर्घनत्वीकरण योजना के पर्यावरण संरक्षण एवं क्षेत्र में विद्यमान वृक्षों को देखते हुए प्रस्तुत प्रस्ताव को संपूर्ण विचारोपरांत अस्वीकृत कर अन्य वैकल्पिक स्थानों के परीक्षण के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने आगे लिखा कि नवीन प्रस्ताव के लिए प्रारंभिक स्तर पर भी नागरिकों एवं जनप्रतिनिधियों से विचार विमर्श भी किया जाएगा।
मंत्री और विधायक के बंगले बनने का है प्रोजेक्ट
तुलसी नगर और शिवाजी नगर में 297 एकड़ जमीन पर विधायक और मंत्रियों के बंगले बनने का प्रस्ताव सरकार ने लाया। करीब 2400 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट में मंत्रियों के लिए 30 बंगले, 16 फ्लैट और विधायकों के लिए फ्लैट साथ ही करीब 3500 बंगले और फ्लैट अधिकारियों के लिए भी बनाए जाने है। इन बंगलों और फ्लैट का निर्माण करने वाले डेवलपर को 63 एकड़ लैंड पार्सल किए जाएंगे। जिन पर वह कमर्शियल और रेसिडेंशियल डेवलपमेंट कर सकेंगा।
आदेश निकलने पर ही रूकेगा प्रदर्शन
कांग्रेस नेता और पूर्व पार्षद अमित शर्मा ने कहा कि उन्होंने नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का सोशल मीडिया पर प्रस्ताव वापस लेने की बात देखी है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आश्वासन पहले भी कई बार दिए जा चुके है। शर्मा ने कहा कि सरकार आदेश निकाले। अभी आज शाम को होने वाला प्रदर्शन जारी रहेगा। शाम को कैंडल मार्च निकालेंगे। तुलसी नगर से कैंडल मार्च निकाला जाएगा। बता दें 12 जून से लगातार पेड़ों को काटने को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे है। 29 हजार पेड़ों में कई सालों पुराने पेड़ भी शामिल है।