
कहते हैं कि पुराना नौकर घर में परिवार के सदस्य की तरह होता है, लेकिन आप भी समझ लीजिए कि नौकरों पर आंख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि ग्वालियर में एक रिटॉयर्ड एडिशनल सेक्रेटरी के पिता के साथ उनकी नौकरानी ने संपत्ति हड़पने के लिए फर्जी वसीयत ही बनवा ली।
ग्वालियर में एक रिटॉयर्ड एडिशनल सेक्रेटरी की नौकरानी ने वह कारनामा कर दिखाया है, जिससे बाकी लोग सतर्क हो गए हैं। गुजरात सरकार में एडिशनल सेक्रेटरी रहे दीपक सक्सेना ने पुलिस को की गई शिकायत में यह बताया है कि नौकरानी इतनी शातिर थी कि उसने खुद को पत्नी और बेटी साबित करने के लिए फर्जी पेन कार्ड, आधार कार्ड और वोटर कार्ड तक बनवा लिए।
मीनू सक्सेना बनकर ये नौकरानी खुद चलकर अपनी बात कहनी आई। मीनू का कहना है कि वह बचपन से ही दीपक सक्सेना के घर रहती थी और उनके पिता की सेवा करती थी। सेवा से खुश होकर एडिशनल सेक्रेटरी दीपक सक्सेना के पिता ने मकान और जमीन मीनू के नाम कर दी। जबकि दीपक सक्सेना का आरोप है कि मीनू ने फर्जी दस्तावेज बनवाए और इस आधार पर फर्जी वसीयत करवाई। जबकि कानूनी तौर पर पैतृक संपत्ति की वसीयत नहीं हो सकती।

फर्जी दस्तावेज
मीनू अपने आप को सक्सेना खानदान की बता रही है, जबकि एडिशनल सेक्रेटरी दीपक सक्सेना का कहना है कि वह बांग्लादेशी है और इसका नाम सलमा है। पहले यह नोएडा में मजदूरी करती थी और इसके घर में इस्लाम धर्म की तस्वीर लगी थी। लेकिन षड्यंत्र पूर्वक बांग्लादेश के कुछ लोगों के साथ मिलकर इसने संपत्ति हड़पने के लिए फर्जी दस्तावेज बनवाए। इस मामले में पुलिस ने एडिशनल सेक्रेटरी दीपक सक्सेना के बयान दर्ज कर लिए हैं।
आईजी ग्वालियर अरविंद सक्सेना ने बताया कि उनकी नौकरानी सलमा पहले नोएडा में उनके घर में काम करती थी। यह नौकरानी पुरानी थी, इसलिए पूरा परिवार उस पर भरोसा भी करता था। इसीलिए पिता की देखभाल करने के लिए दीपक सक्सेना ने अपने पिता के पास उसे ग्वालियर भेज दिया। इसी बीच सलमा के मन में नौकरानी से मालकिन बनने की हसरत पनपने लगी। इसी दौरान दीपक सक्सेना के पिता का निधन हो गया और सलमा ने पेन कार्ड, आधार कार्ड और वोटर कार्ड बनवाए और उसमें अपना नाम सलमा की बजाय मीनू सक्सेना कर लिया।
फर्जी तरीके से बनाए गए दस्तावेजों में कहीं पर उसने प्रेम नारायण की पत्नी बताया तो कहीं बेटी बनकर दावा पेश कर दिया। इसी बीच एडिशनल सेक्रेटरी दीपक सक्सेना मार्च के महीने में जब ग्वालियर आए तो सलमा ने अपना घर बताकर उन्हें गुंडों से पिटवा दिया और बाहर निकाल दिया। सलमान मुरैना में दीपक सक्सेना की ढाई करोड़ की संपत्ति बेचकर नामांतरण करने के लिए आवेदन दिया तो पूरे मामले का खुलासा हो गया।
क्योंकि उस संपत्ति में दीपक सक्सेना के चाचा भी हिस्सेदार थे। इसीलिए उनकी सहमति के बिना नामांतरण नहीं हो सकता और उन्होंने इसकी जानकारी दीपक सक्सेना को दी। रिटॉयर्ड एडिशनल सेक्रेटरी दीपक सक्सेना ने पूरे मामले की शिकायत ग्वालियर के पुलिस में की, जिसके बाद पुलिस ने ठगी का मामला दर्ज कर लिया है। लेकिन घर का सामान बेचकर फरार हुई सलमा अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आई है। बताया जाता है कि सलमा बांग्लादेशी है और और एक पूरी गैंग इस मामले में उसका साथ दे रही है।