
पन्ना में फिर एक गरीब किसान देशराज आदिवासी की किस्मत उस वक्त चमक उठी, जब उसे उथली हीरा खदान क्षेत्र पटी में एक चमचमाता हुआ 6 कैरेट 65 सेंट का हीरा मिला।
मध्य प्रदेश का पन्ना हीरों की खदान के लिए प्रसिद्ध है। यहां कई लोगों की किस्मत चमकी है। शनिवार को फिर एक किसान को हीरा मिला है। 6 कैरेट 65 सेंट का हीरा अब नीलामी में रखा जाएगा।
पन्ना में फिर एक गरीब किसान देशराज आदिवासी की किस्मत उस वक्त चमक उठी, जब उसे उथली हीरा खदान क्षेत्र पटी में एक चमचमाता हुआ 6 कैरेट 65 सेंट का हीरा मिला। इसे देख किसान व उसकी पत्नी खुशी के मारे झूम उठे। किसान देशराज आदिवासी निवासी गौरेया ककररहटी ने उक्त हीरे को हीरा कार्यालय में जमा कर दिया है, जिसे आगामी हीरा नीलामी में रखा जाएगा।
पन्ना हीरा कार्यालय में पदस्थ हीरा पारखी अनुपम सिंह का कहना है कि पेशे से किसान देशराज आदिवासी ने हीरा कार्यालय से पट्टा बनवाकर पटी क्षेत्र में हीरे की खदान लगाई थी। जिन्हें कुछ दिन पूर्व 1 कैरेट 35 सेंट का हीरा मिला था, जो उन्होंने हीरा कार्यालय में जमा किया था, और आज फिर उन्हें 6 कैरेट 65 सेंट का हीरा मिला है। हीरे को आगामी नीलामी में रखा जाएगा।
किसान को कितना मिलेगा
अनुपम सिंह बताते हैं कि पन्ना में हीरा ढूंढने के लिए एक प्रक्रिया का पालन करना होता है. उसके बाद कोई भी व्यक्ति इसके लिए खुदाई कर सकता है। प्रक्रिया को समझें तो सबसे पहले हीरा कार्यालय से लाइसेंस लेना होता है, जो कि एक तरह का पट्टा होता है। इसके लिए संबंधित व्यक्ति को तीन फोटो, आधार कार्ड की कॉपी और न्यूनतम राशि का चालान जमा करवाना होता है। खुदाई के लिए फिर पट्टा दे दिया जाता है। जो जनवरी से दिसम्बर तक के लिए ही वैध होता है। संबंधित व्यक्ति को विभाग की ओर से हीरा खदानों में 8*8 मीटर की एक जगह अलॉट कर दी जाती है, जहां पर वह एक साल में कभी भी खुदाई करके हीरा ढूंढ सकता है। लाइसेंसधारी को हीरा मिलने पर उसे हीरा कार्यालय में जमा करवाना होता है। वहां उसकी गुणवत्ता और कीमत तय होती है। फिर नीलामी की जाती है। जो भी कीमत मिले उसका साढ़े 12 प्रतिशत रॉयल्टी वसूलती है। बाकि राशि लाइसेंसधारक को मिलती है।