
तेंदूखेड़ा जनपद सीईओ मनीष बागरी ने कहा कि मैं कई बार जिम्मेदारों को निर्माण कार्य में सुधाऱ करने और कार्य पूरा करने निर्देश दे चुका है। उनकी ओर से अनदेखी की जा रही है।
दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक की ग्राम पंचायत बमोरी में प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना (वॉटरशेड) के तहत व खोदे गए तालाब आज भी अधूरे पड़े हैं। इसका किसानों को कोई लाभ नहीं हो रहा है और वह आक्रोशित हैं। उन्होंने तो आंदोलन की चेतावनी भी दी है। विभाग ने मशीनों से गड्ढे खोदकर औपचारिकता पूरी कर दी और परेशान किसान हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना (वॉटर सेट) के तहत तेंदूखेड़ा ब्लॉक में कई निर्माण कार्य हुए हैं। जिस उद्देश्य से ये निर्माण कार्य कराये गये थे, उसका दस प्रतिशत लाभ मिलने के आसार जमीनी स्तर पर देखने नहीं मिल रहे हैं। जमीनी स्तर पर जो निर्माण कार्य हुए हैं, उनमें केवल मशीन से खुदाई करके गड्डा खोदा गया है। उसकी मुरम को उठाकर एक जगह रखकर तालाबों का निर्माण किया है। दूसरे विभागों ने भी उनका सहयोग किया है। ग्रामीण लगातार निर्माण कार्यों का विरोध कर रहे थे, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।
यह है पूरा मामला
तेंदूखेड़ा जनपद की ग्राम पंचायत बमोहरी में पिछले वर्ष वन भूमि पर मंजूरी लेकर वॉटर सेट योजना के तहत रामादेही गांव में दो तालाबों का निर्माण हुआ था। यह आज भी अधूरे पड़े है। न तो इन तालाबों को विकसित किया गया है और न ही सुधार कार्य। रामादेही निवासी शोभा घोसी ने बताया कि तालाब निर्माण से किसी को लाभ नहीं हो रहा है। पिछले वर्ष ही कई जगह से पानी रिस रहा था। मात्र तीन से चार दिन जेसीबी मशीन चलने के बाद जमीन की खुदाई करके पाल बनाई गई है। जनहित में इनका कोई उपयोग ही नहीं है। विनोद घोसी ने बताया कि गांव के लोगों ने उसी समय तेंदूखेड़ा जनपद सीईओ से तालाब निर्माण में हो रही अनियमितताओं की शिकायत की थी। उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया उसके बाद आगे कोई कार्य भी नहीं कराया गया।
पाल में कई दरारें
रामादेही गांव के आगे दो तालाबों का निर्माण हुआ था। दोनों तालाब अधूरे पड़े है। इनमें लगी पिचिंग ने भी परत छोड़ दी है। खुदाई भी नाम मात्र के लिए कराई गई है। खुदाई में निकली मुरम को पाल पर रख दिया है इसलिए इनमें कठोरता नाम मात्र की नहीं है। पहली ही बारिश में पिछले वर्ष इस तालाब की पालों में कई जगह दरारें आ गई थी। उस समय जिम्मेदार कर्मचारियों का कहना था कि अभी कार्य अधूरा है। इसको पूरा किया जाएगा। वह कार्य आज भी ज्यो का त्यों है। यदि इस वर्ष तेज बारिश होती है तो दोनों तालाब फूटने के आसार हैं।
वन विभाग ने की अनदेखी
निर्माण कार्य जिस जगह हुआ है वह वन विभाग की जमीन थी। उसकी एनओसी निर्माण कार्य के लिए ली गई थी। बदले में निर्माण एजेंसी को निर्माण के साथ यहां पौधारोपण करना था। पौधारोपण भी मोके से गायब है। वॉटर सेट योजना का कार्य सरपंच की अध्यक्षता में होता है। इस निर्माण कार्य के नोडलअधिकारी जनपद सीईओ थे। पूरे मामले में तेंदूखेड़ा जनपद सीईओ मनीष बागरी का कहना है कि मैने कई बार जिम्मेदारो को निर्माण कार्य ने सुधाऱ करने और पूरा करने निर्देश दिए हैं। उनकी ओर से अनदेखी की जा रही है।