
सीएमएचओ डॉ. सरोजनी जेम्स बेक का कहना है, यदि वाहन मरीजों को नहीं मिला तो यह लापरवाही है। वह इसकी जानकारी लेंगी। यदि कोई गलत पाया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी।
दमोह जिले में शासन के द्वारा शासकीय अस्पतालों में अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा किया जाता है। लेकिन जमीनी हकीकत उस समय सामने आती है, जब मरीज तड़पता रहता है और उसे स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पाती। इसी तरह का नजारा गुरुवार को दमोह जिले के तेंदूखेड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने मिला, जब दो मरीजों को 108 एंबुलेंस सुविधा का लाभ नहीं मिला।
जबकि तेंदूखेड़ा स्वास्थय केंद्र के लिए दो 108 वाहन हैं। इन दो घायलों में एक घायल ने तो वाहन का पूरी रात इंतजार किया और उसे शुक्रवार सुबह आठ बजे तक वाहन सुविधा उपलब्ध नहीं हुई।
वहीं, आकाशीय बिजली गिरने से घायल महिला को भी वाहन सुविधा नहीं मिली तो परिजन निजी वाहन से स्वास्थय केंद्र लेकर पहुंचे। वहां से जबलपुर ले गए, जहां उसकी मौत हो गई। घायल के साथ स्वस्थ्य कर्मियों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उन्होंने कई बार हेल्प लाइन नंबर पर जानकारी दी, लेकिन हमेशा एक ही जबाब आया कि वाहन दूसरी जगह व्यस्त है।
पहला मामला
गुरुवार की शाम दोनी गांव में आकाशीय बिजली गिरने से सुनीता यादव नाम की महिला घायल हो गई। महिला के लिए तेंदूखेड़ा लाने के लिए कोई वाहन नहीं था। परिजनों ने 108 पर घटना की सूचना दी। लेकिन वाहन काफी देर तक नहीं पहुंचा। उसके बाद परिजनों ने निजी वाहन किया और महिला को उपचार के लिए पहले सैलवाड़ा उप स्वस्थ्य केंद्र लाए, जहां से तेंदूखेड़ा भेजा गया। इसलिए परिजन महिला को लेकर पहले पाटन और उसके बाद जबलपुर मेडिकल कॉलेज पहुंचे, जहां महिला की मौत हो गई।
दोनी निवासी सुरेंद यादव ने बताया कि सुनीता यादव आकाशीय बिजली की चपेट में आ गई थी। 108 को फोन लगाया, लेकिन वहां से जवाब आया 108 की सुविधा अभी नहीं मिल सकती। वाहन दूसरी जगह व्यस्त है। तेंदूखेड़ा प्राथमिक स्वस्थ केंद्र में इमरजेंसी सुविधा के लिए दो-दो 108 वाहन अधिकृत हैं। लेकिन कभी-कभी ये दोनों वाहन लापता हो जाते हैं। यदि दोनों वाहन गुरुवार को दमोह या जबलपुर गए भी थे या फिर ग्रामीण क्षेत्र गए थे तो पूरी रात लौटे क्यों नहीं।
दूसरा मामला
दूसरे मामले में घायल हाकम पाल ने बताया कि वह हरई चंदना का निवासी है। रात के समय वह अपने गांव से तारादेही आ रहा था। तभी पौड़ी और चंदना के बीच पिपरिया जा रही यात्री बस उसकी बाइक को टक्कर मारकर चली गई। वह घायल अवस्था में वहीं पड़ा रहा।
बाद में तारादेही थाने की डायल 100 पहुंची और हम दो लोगों को उठाकर तेंदूखेड़ा लाई। रात्रि से दूसरा दिन हो गया, हमें जबलपुर जाने के लिए 108 वाहन नहीं मिला। हाकमपाल और उनका साथी रात्रि ग्यारह बजे तेंदूखेड़ा स्वस्थ्य केंद्र पहुंच गये थे। उसके बाद वह शुक्रवार को सुबह आठ बजे तक 108 वाहन का इंतजार करते रहे। लेकिन दोनों वाहन स्वस्थ्य केंद्र में मौजूद नहीं थे। सीएमएचओ डॉ. सरोजनी जेम्स बेक का कहना है, यदि वाहन मरीजों को नहीं मिला तो यह लापरवाही है, वह इसकी जानकारी लेती हैं।