
हाईस्कूल के माध्यमिक शिक्षक रघुवर प्रसाद तिवारी के द्वारा बच्चों को स्कूल तक लाने के लिए अनोखा नवाचार किया जा रहा है। उनके द्वारा गांव की गलियों में घूम कर साउंड सिस्टम के माध्यम से बुंदेली गीतों से बच्चों को स्कूल आने प्रेरित किया जा रहा है।
दमोह जनपद अंतर्गत आने वाले रंजरा गांव के एकीकृत शासकीय हाईस्कूल के माध्यमिक शिक्षक रघुवर प्रसाद तिवारी के द्वारा बच्चों को स्कूल तक लाने के लिए अनोखा नवाचार किया जा रहा है। उनके द्वारा गांव की गलियों में घूम कर साउंड सिस्टम के माध्यम से बुंदेली गीतों से बच्चों को स्कूल आने प्रेरित किया जा रहा है और जो भी शासन की योजनाएं बच्चों के लिए चलाई जा रही है, इनका भी प्रचार प्रसार कर बच्चों के अभिभावकों को बताया जा रहा है। शिक्षक का कहना है कि उनका यह प्रयास है कि बच्चे अधिक से अधिक संख्या में स्कूल में आकर पढ़ाई करें और शासन की योजनाओं का लाभ लें और अपने भविष्य को संवारे।
इस स्कूल की खासियत यह है कि चौथी कक्षा तक के बच्चे कई प्रकार के कठिन सवाल मिनट में हल कर देते हैं, जो अपने आप में एक मिसाल है। दमोह जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर रंजरा गांव में एकीकृत शासकीय हाईस्कूल संचालित होता है। जो नर्सरी से लेकर कक्षा दसवीं तक संचालित है और इस स्कूल में 290 छात्र दर्ज हैं। यहां पदस्थ माध्यमिक शिक्षक रघुवर प्रसाद तिवारी बच्चों को शिक्षा से जोड़ने अलग तरीके का नवाचार कर रहे हैं। जब से स्कूल खुले हैं, तब से उनके द्वारा लगातार साउंड सिस्टम के माध्यम से गांव की गलियों में जाकर गृह संपर्क किया जा रहा है। बच्चों को स्कूल भेजने उनके परिजनों से बोला जा रहा है। साथ ही एनाउंस के माध्यम से वह बता रहे हैं कि स्कूल में मध्यान भोजन, यूनिफार्म के अलावा जितनी भी शासन की सुविधा मिलती हैं, वह आपको उपलब्ध कराई जाएगी। बस सभी अभिभावक अपने-अपने बच्चों को समय पर स्कूल भेजें।
शिक्षक के इस अनोखे प्रयास से ग्रामीण भी काफी प्रभावित हो रहे हैं और बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं। क्योंकि साउंड के माध्यम से घर-घर तक शिक्षक की आवाज पहुंच रही है और जितना बन सकता है, उनके द्वारा बच्चों को शासन की योजनाओं से लाभान्वित करने भी प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
शिक्षक तिवारी ने बताया कि यदि वह एक-एक बच्चे के घर जाते तो इसमें काफी समय लगता। इसलिए उन्होंने स्कूल का साउंड सिस्टम उठाया और पांच या छह बच्चों को अपने साथ लिया और गांव की गलियों में जाकर वह एनाउंस के माध्यम से बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। गांव में एक भी प्राइवेट स्कूल नहीं है और करीब आसपास के छह गांव के बच्चे इस स्कूल में पढ़ने आते हैं। उनका प्रयास है कि शत प्रतिशत बच्चे स्कूल आए और पढ़ाई करें उन्हें सभी प्रकार की योजनाओं का लाभ निशुल्क दिया जाएगा। अभी तक का यह परिणाम है कि 80 प्रतिशत बच्चे स्कूल आने लगे हैं।
स्कूल में पदस्थ प्राचार्य आभा नायक भी शिक्षक रघुवर प्रसाद तिवारी के नवाचार से काफी प्रभावित है। उनका कहना है कि इस नवाचार से लगातार बच्चे स्कूल में पढ़ने आ रहे हैं। स्कूल में प्राइमरी से लेकर मिडिल तक पांच शिक्षक पदस्थ हैं और सभी अपने-अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। इन्हीं में तिवारी के द्वारा बच्चों को स्कूल तक लाने के लिए अनोखा नवाचार किया जा रहा है।