
दमोह के पुराने कलेक्टर कार्यालय में पक्के अतिक्रमण पर प्रशासन का बुलडोजर चला है। यहां कुछ स्टांप विक्रेताओं और नोटरी करने वालों ने पक्के निर्माण कर लिए थे।
दमोह शहर के पुराने कलेक्ट्रेट कार्यालय के अंदर किए गए अवेध अतिक्रमण पर दूसरे दिन फिर प्रशासन का बुलडोजर चला। कई पक्के अतिक्रमण गिराए गए। यहां स्टांप विक्रेता और नोटरी करने वालों द्वारा पक्के अतिक्रमण कर लिए गए थे। कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर के निर्देशन में यहां अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई जो दूसरे दिन गुरुवार को भी जारी रही।
दमोह तहसीलदार मोहित जैन के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल मोजूद था। जिनकी मौजूदगी में अतिक्रमण हटाया गया। बुधवार को नगर पालिका का अमला यहां जेसीबी लेकर पहुंचा और सड़क पर रखे अवैध टपरों को एक-एक कर हटा दिया गया था। बता दें जिला न्यायालय के बाजू से पुराना कलेक्ट्रेट कार्यालय है। लेकिन, पिछले कई वर्षों से जबलपुर नाके पर नए कार्यालय भवन में कलेक्ट्रेट संचालित हो रहा है और इस पुरानी कलेक्ट्रेट परिसर में आज भी कई शासकीय कार्यालय संचालित होते हैं। यहां पर स्टांप बेचने वाले और नोटरी करने वाले लोगों ने अतिक्रमण कर लिया था। इसके साथ ही कई अवैध टपरे रखकर उनमें फोटो कॉपी मशीन, कंप्यूटर रखकर दुकानों का संचालन भी किया जा रहा था। कलेक्टर के निर्देशन में नगर पालिका का अमला जेसीबी लेकर पहुंचा। इस दौरान कई लोगों ने अपने टपरे स्वयं ही हटा लिए और जो पक्का अतिक्रमण था उसे जेसीबी की सहायता से हटाया गया और गुरुवार को यहां बने करीब एक दर्जन पक्के अतिक्रमण गिराए गए। बता दें पुराने कलेक्ट्रेट परिसर वर्तमान में महिला बाल विकास, आबकारी, पेंशन कार्यालय, जिला अभियोजन अधिकारी कार्यालय, बीईओ कार्यालय, जनपद कार्यालय के साथ अन्य कार्यालय संचालित होते हैं। यहां अधिकारियों की आवाजाही कम रहती है इसी कारण बड़ी संख्या में यहां टपरे रखकर और पक्के निर्माण कर अतिक्रमण किया गया था।