
मध्य प्रदेश के शाजापुर में मुहर्रम पर्व की शुरुआत हो गई है। शाजापुर में बड़े साहब का दीदार किया गया। एशिया के सबसे बड़े दुलदुल साहब को चौकी में विराजित किया गया।
रसूल-ए-पाक के नवासों की शहादत का पर्व मुहर्रम चांद दिखाई देने के बाद शुरू हो गया है। कर्बला के शहीदों की याद में हर आंख नम हो गई। रविवार को चांद दिखने के बाद से मुहर्रम की शुरुआत हुई और मुस्लिमजन शोहदा-ए-कर्बला के जिक्र में मशगुल हो गए। मुहर्रम का आगाज होते ही मुस्लिम समाजजनों ने दुलदुल, ताजियों को सजाने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इसी कड़ी में मुहर्रम की पहली तारीख पर सोमवार को एशिया के सबसे बड़े दुलदुल को मुस्लिमजनों ने इमामबाड़ा से निकालकर छोटा चौक स्थित चौकी पर विराजित किया।
रसूल-ए-पाक के नवासों की शहादत का पर्व मुहर्रम चांद दिखाई देने के बाद शुरू हो गया है। कर्बला के शहीदों की याद में हर आंख नम हो गई। रविवार को चांद दिखने के बाद से मुहर्रम की शुरुआत हुई और मुस्लिमजन शोहदा-ए-कर्बला के जिक्र में मशगुल हो गए। मुहर्रम का आगाज होते ही मुस्लिम समाजजनों ने दुलदुल, ताजियों को सजाने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इसी कड़ी में मुहर्रम की पहली तारीख पर सोमवार को एशिया के सबसे बड़े दुलदुल को मुस्लिमजनों ने इमामबाड़ा से निकालकर छोटा चौक स्थित चौकी पर विराजित किया।