
MP Politics: कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार द्वारा दिए गए ताजा बयान पर टिप्पणी व्यक्त की है। मंत्री परमार ने इसी माह से प्रदेश के सभी शासकीय कॉलेजों में यूनिफॉर्म सिस्टम लागू करने का एलान किया है।
इसी विधानसभा सत्र में अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने विधायकों को भारतीय संविधान की प्रति सौंपी है। इसको पढ़ने, जानने, समझने, आत्मसात करने और इसकी अमल में लाने की मंशा भी उन्होंने जताई है। लेकिन इसके ठीक विपरीत इसी भाजपा सरकार के एक मंत्री संविधान के प्रावधानों की अवहेलना की तरफ कदम बढ़ाए नजर आ रहे हैं। प्रदेश की भाजपा सरकार दिग्भ्रमित है, जो कहना कुछ चाहती है, करने का इरादा कुछ और होता है और अपने विधायक मंत्रियों से करवाती कुछ और ही है।
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार द्वारा दिए गए ताजा बयान पर टिप्पणी देते हुए यह बात कही। मंत्री परमार ने इसी माह से प्रदेश के सभी शासकीय कॉलेजों में यूनिफॉर्म सिस्टम लागू करने का एलान किया है। संभवतः 14 जुलाई को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इंदौर प्रवास के दौरान इस योजना का विधिवत शुभारंभ करने वाले हैं। विधायक मसूद ने कहा कि भारतीय संविधान की धारा 29-30 के मुताबिक सभी धर्मों को अपनी धार्मिक आस्थाओं के मुताबिक पहनावा धारण करने की इजाजत दी गई है। कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की बजाए वहां यूनिफॉर्म लागू करने के पीछे भाजपा की सीधी मानसिकता धर्म विशेष को टारगेट करना है। कर्नाटक मामले को दोहराने की मंशा के साथ यहां भी मुस्लिम लड़कियों के हिजाब, बुर्का और सलवार सूट आदि पर पाबंदी लगाने की नीयत से यह नियम लागू किया जा रहा है। मसूद ने कहा कि यह न तो सैद्धांतिक तौर पर उचित है और न ही संवैधानिक रूप से इसको उचित करार दिया जा सकता है
अदालत की अवमानना भी होगी
विधायक मसूद ने कहा कि कॉलेज और स्कूल में यूनिफॉर्म के नाम पर अगर मुस्लिम स्टूडेंट्स को हिजाब या बुर्का पहनकर आने से रोका जाता है तो यह अदालत की अवमानना मानी जाएगी। उन्होंने कहा कि कर्नाटक मामले में अदालत इस तरह की पाबंदी लगाने से रोक चुकी है। अदालत के आदेश के मुताबिक किसी भी धार्मिक परंपरा को शिक्षा नियमों में बांधकर लागू नहीं किया जा सकता है।
मुद्दों से भटकाने की कोशिश
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि प्रदेश सरकार नर्सिंग घोटाला, नीट, पेपर लीक, सामूहिक नकल, गबन, भ्रष्टाचार और इस जैसे कई मामलों में उलझी हुई है। स्कॉलरशिप से लेकर यूनिफॉर्म और स्कूल कॉलेजों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया नहीं हैं। शैक्षिक स्टाफ से लेकर कामकाजी अधिकारी कर्मचारियों की कमी प्रदेशभर की शिक्षा व्यवस्था पर हावी है। मसूद ने कहा कि सरकार इन अव्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में नाकाम रही है। इन सबसे ध्यान हटाने के लिए वह अब यूनिफॉर्म नाम का जिन्न लाई है, जो लोगों का ध्यान भटकाने का काम करेगा और सरकार सुकून से अपनी अलाली में मस्त रहेगी।
…तो हम करेंगे स्वागत
विधायक मसूद ने कहा कि उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने यूनिफॉर्म लागू किए जाने से पहले सभी का पक्ष जानने, उनकी सहमति बनाने और सबके समर्थन लेने की बात कही है। अगर ऐसा किया जाता है तो उन्हें मशविरा दिया जाएगा कि यूनिफॉर्म लागू करने के दौरान हिजाब या बुर्का पहनने पर पाबंदी नहीं लगाई जाए। बल्कि उसको तय किए गए यूनिफॉर्म कलर और डिजाइन में ही एडजस्ट करने की रियायत दी जाए। अगर सरकार इस बात पर सहमत होती है तो उसके यूनिफॉर्म फैसले का स्वागत किया जाएगा।