
मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ में अंधविश्वास में फंसे लोग मौत के बाद भी महिला को जीवित करने में लगे रहे। ये सारा तमाशा पोस्टमार्टम रूम के बाहर ही चलता रहा। थक हारने के बाद पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए परिजन।
जिला अस्पताल टीकमगढ़ में गुरुवार को दिनभर चले अंधविश्वास के नाटक का शाम को अंत हो गया और परिजनों ने सुबह मृत महिला को शाम को मृत मान लिया और पोस्टमार्टम कराया।
टीकमगढ़ जिले से लगे हुए उत्तर प्रदेश के जनपद ललितपुर के गांव गुढ़ा भदौरा की रहने वाली महिला उषा देवी को गुरुवार की सुबह उसके घर में सांप ने डस लिया था। इसके बाद परिजन उसे बगाज माता मंदिर ले गए थे। सुबह 11 बजे जब टीकमगढ़ जिला चिकित्सालय पहुंचे तो उसकी मौत हो चुकी थी।
इसके बाद पोस्टमार्टम के लिए परिजनों को बोला गया, तो परिजन कह रहे थे कि अभी वह जिंदा है। सांप का डसा व्यक्ति 24 घंटे तक जिंदा रहता है। काफी प्रयास के बाद प्रशासन ने उन्हें झाड़ फूंक करने की अनुमति दे दी। दोपहर 12 से लेकर शाम 4 बजे तक टीकमगढ़ जिला चिकित्सालय में अंधविश्वास का खेल चलता रहा, जिसकी लोक कल्पना नहीं कर सकते। 21वीं शदी और डिजिटल इंडिया की बात करने वाले लोग उस तमाशे को देखते रहे। एक दो नहीं 50 और तांत्रिक टीकमगढ़ जिला अस्पताल में पहुंचे और स्टेचर पर रखी लाश को जिंदा करने का प्रयास करते रहे। किसी ने कान को फूंका तो किसी ने नीम के झोका से उसको जिंदा करने का प्रयास किया, लेकिन मौत से कोई नहीं जीत सका। वह पहले ही मर चुकी थी।
आखिरकार परिजन भी थक हार गए और जिला अस्पताल में पुलिस प्रशासन और डॉक्टर के सामने घुटने टेक दिए। शाम को पोस्टमार्टम होने के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।
पुलिस चौकी जिला चिकित्सालय के प्रभारी ने बताया कि पोस्टमार्टम करने के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है। मामले में पुलिस चौकी जिला चिकित्सालय में मर्ग कायम किया गया है।