
कोर्ट में बेटों ने लिखित आपत्ति दर्ज कराई है कि उनकी मां और अन्य आरोपियों को जमानत पर छोड़ा तो उनकी जान को खतरा होगा। इसके बाद कोर्ट ने उसे स्वीकार किया और जमानत आवेदन निरस्त कर दिया।
उज्जैन की कोर्ट में दो बेटों ने अपनी मां की जमानत याचिका का विरोध किया है। मामला उनके पिता की हत्या का है। महिला पर आरोप है कि उसने दो युवकों को सुपारी देकर पति की हत्या करवा दी थी। बेटों का कहना है कि आरोपी जेल से बाहर आते हैं तो उन्हें भी जान का खतरा हो सकता है। कोर्ट ने आपत्ति स्वीकार कर बेटों की आपत्ति पर मां की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
मामला बिलोटीपुरा में 11 मई को हुई हत्या का है। पत्नी सहित तीन आरोपियों की जमानत कोर्ट ने निरस्त कर दी है। बिलोटीपुरा क्षेत्र में 11 मई की सुबह घर में छिपे बदमाशों ने चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी थी। मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर पड़ताल शुरू की तो पत्नी का षड्यंत्र सामने आया था। जीवाजीगंज पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर मृतक की पत्नी सहित तीन अन्य को षडयंत्र रचकर हत्या करने के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। टीआई नरेंद्र परिहार ने बताया कि बुधवार को मृतक की आरोपी पत्नी ने जमानत के लिए आवेदन दिया तो बेटों ने जमानत पर आपत्ति ली जिस पर कोर्ट ने जमानत निरस्त कर दी।
बिलोटीपुरा निवासी मिश्रीलाल रोजाना की तरह अपने दोस्त तेजसिंह के साथ मॉर्निंग वौक पर गए थे। वापस आए तो तेजसिंह घर के सामने ही दुकान पर अन्य साथियों के साथ नाश्ता करने रुक गए। मिश्रीलाल के चिल्लाने की आवाज आई। देखा कि एक व्यक्ति मिश्रीलाल के घर से भाग रहा है। मिश्रीलाल के पेट से खून बह रहा है। तेजसिंह और उसका छोटा भाई निकलेश कार से मिश्रीलाल को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। उपचार शुरू करने से पहले ही मिश्रीलाल की मृत्यु हो गई। पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज किया।
सुपारी देकर कराई थी हत्या
मिश्रीलाल राठौर की पत्नी कृष्णाबाई ने अपनी रिश्तेदार माया के साथ मिलकर गोपाल चौधरी तथा करण को पति की हत्या करने के लिए सुपारी दी थी। इसके बाद करण ने मिश्रीलाल के घर में घुसकर चाकू से हमला किया था। मिश्रीलाल के बेटे लोकेश राठौर ने कोर्ट को बताया कि अपराध में मां की मुख्य भूमिका है। उसने ही षड्यंत्र रचा और पिता की हत्या करवाई। कृष्णा बाई को जमानत मिलती है तो वह परिवार के अन्य साक्षियों को प्रभावित करेगी। उनके साथ भी वारदात हो सकती है।
पूछताछ मे कबूली थी वारदात
पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। सीसीटीवी फुटेज, मिश्रीलाल के परिजनों के मोबाइल नंबरों की साइबर सेल से सीडीआर की जांच और साक्षी के कथनों के आधार पर जांच में पत्नी पर संदेह हुआ था। इसके बाद पत्नी को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो मामला खुलता गया। पुलिस ने आरोपी कृष्णा बाई की रिश्तेदार मायाबाई और गोपाल और करण से पूछताछ की तो उन्होंने वारदात कबूल की थी। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया।