
वैसे तो बुंदेलखंड में देवों के देव महादेव के कई प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर मौजूद है। इसी तरह बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर में भूतेश्वर मंदिर स्थित है, जो काफी प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर है।
सागर जिले का इकलौता दक्षिण मुखी शिवलिंग भूतेश्वर महादेव का शिवलिंग है। आमतौर पर मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है और सावन के महीने में तो दूर-दूर से बाबा भोलेनाथ के भक्त भूतेश्वर मंदिर के दर्शन करने पहुंचते हैं। अब प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर को नया स्वरूप दिया जा रहा है। सावन सोमवार के पहले दिन सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया है और धीरे धीरे भीड़ बढ़ने लगी है
400 साल पुराना है मंदिर का इतिहास
भूतेश्वर महादेव का वर्तमान मंदिर करीब 4 सौ साल पुराना है। मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र पाठक का कहना है कि भूतेश्वर मंदिर शहर का एकमात्र दक्षिणमुखी शिवलिंग स्थित है। करीब साढे़ पांच एकड़ के परिसर में फैला मंदिर करीब 400 साल पुराना है। भूतेश्वर मंदिर के बारे में किवदंती है कि जहां आज मंदिर स्थित है, वहां पहले बहुत विशाल बाजार लगा करता था। जहां एक व्यापारी व्यापार करने आता था। व्यापारी को सपने में भगवान शिव ने दर्शन दिए और परिसर में एक जगह खुदाई करने कहा। व्यापारी ने जब सपने में बताए स्थान पर खुदाई की, तो वहां शिवलिंग निकला और शिवलिंग को विधि-विधान से स्थापित किया गया फिर मंदिर बनवाया। मंदिर में इतनी ही पुरानी संत परमहंस मस्तराम की समाधि है। मंदिर में शिव भगवान का शिवलिंग गर्भगृह में स्थापित है। शिवलिंग के अलावा मंदिर में अन्नपूर्णा देवी, हरसिद्धि माता, राम लक्ष्मण और सीता का मंदिर भी बनाया गया हैं। भूतेश्वर मंदिर में सावन सोमवार को भगवान शिव के दर्शन करने भारी संख्या में भक्तगण पहुंचते है। विशेष तौर पर सावन के महीने में भक्तों के लिए भूतेश्वर भगवान का गर्भ गृह 18 घंटे खुला है रहता है।
सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर हो रहा जीर्णोधार
सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर भूतेश्वर मंदिर का पुनर्निर्माण:मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ वीरेन्द्र पाठक बताते हैं कि मंदिर का पुनर्निर्माण करीब पांच करोड़ की लागत से सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर किया जा रहा है। खास बात ये है कि सोमनाथ मंदिर में लगे जयपुर के लाल पत्थर भूतेश्वर मंदिर में लगाए जा रहे हैं और जो कारीगर है, वो भी उन कारीगरों के वंशज है, जिन्होंने सोमनाथ मंदिर का निर्माण किया था।