
लोकायुक्त की विशेष अदालत ने जबलपुर नगर निगम के पूर्व सुपरवाइजर को चार साल की सजा सुनाई है। उसे दो हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था।
जबलपुर में लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश अमजद अली खान की अदालत ने जबलपुर नगर निगम के जाकिर हुसैन वार्ड के तत्कालीन सुपरवाइजर सुरेश सकतेल को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिया है। अदालत ने सुरेश को चार साल की सजा के साथ दो हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
अदालत में विशेष लोक अभियोजक प्रशांत शुक्ला ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि फरियादी वाला समुन्द्रे ने 16 दिसंबर 2019 को जबलपुर लोकायुक्त के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया था कि वह नगर निगम जोन क्रमांक 14, वार्ड डॉ. जाकिर हुसैन, जबलपुर में सफाई कर्मी के रूप में कार्यरत है और सुरेश सकतेल उसका सुपरवाइजर है। सुरेश ने उससे दो हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी और न देने पर पंद्रह दिन की अनुपस्थिति दर्ज करने की धमकी दी थी।
इस शिकायत के आधार पर लोकायुक्त ट्रैप दल ने 17 दिसंबर 2019 को नगर निगम कार्यालय, गोहलपुर के पास स्थित स्टेशनरी की दुकान में सुरेश को दो हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। सुरेश ने रिश्वत की राशि लेकर उसे अपने जैकेट की जेब में रख लिया था। अदालत में पेश किए गए साक्ष्यों के आधार पर न्यायाधीश ने सुरेश सकतेल को दोषी ठहराते हुए उक्त सजा सुनाई।