
सागर शहर में आए दिन कभी घर से तो कभी दुकान से सांप निकालने की खबरें सामने आती रहती हैं। स्नेक कैचर द्वारा इनका रेस्क्यू कर पकड़ लिया जाता है और फिर इन्हें डिब्बे या थैली में बंद करके रख लेते हैं। जब यह इकट्ठा हो जाते हैं तो इन्हें जंगल में सुरक्षित छोड़ देते हैं यानी कि इन्हें आजाद कर देते हैं, जिसकी वजह से उनकी जान बच जाती है।
स्नेक कैचर अकील बाबा ने रविवार को वन विभाग के महकमे के साथ जंगल में जाकर दो दर्जन सांपों को छोड़ दिया है। इसमें कोबरा, अजगर, कॉमन करेत, घोडा पछाड़, गणेता प्रजाति के सांप शामिल हैं। जंगल में उन्होंने पोटली और डिब्बों में बंद सांपों को जैसे ही छोड़ा तो वह सरपट भागते हुए नज़र आए। बता दें कि सांप का नाम सुनते ही लोग घबरा जाते हैं और कभी घर दुकान में घुस जाएं या दिख जाए तो लोग डर जाते हैं। ऐसी स्थिति में लोगों का डर भी खत्म हो जाए, कोई जनहानि भी ना हो, ऐसे में अकील बाबा रेस्क्यू करने के लिए मौके पर पहुंचते हैं।
पेशे से साइकिल मैकेनिक अकील वर्षों से जहरीले जीव जंतुओं को पकड़ रहे हैं। सागर जिले के लोग अब उन्हें अकील बाबा कहने लगे हैं। अकील बाबा जहरीले जीव निकलने की सूचना पर तुरंत पहुंच जाते हैं। भौगोलिक दृष्टि से सागर शहर पहाड़ियों पर बसा हुआ है। शहर की सीमा जंगल से लगी हुई है और पहाड़ी जलवायु होने से बरसात के मौसम में जहरीले जीव जंतु निकलने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। शहर और यहां से सटे इलाकों मैं कोबरा. रसल वायपर घोड़ा पछाड़ अजगर करैत जेसे सर्प निकलते रहते हैं, जिनमें सबसे ज्यादा संख्या कोबरा की होती है।
