
सागर में NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर का तबादला हो गया है। बताया जा रहा है कि फोर लाइन पर हुए गड्ढे डायरेक्टर के तबादले के कारण बने।
सागर जिले के अंतर्गत आने वाले एरिया में नेशनल हाइवे की हालत खस्ता है। जिले के माल्थोन से तीतरपानी तक 140 किलोमीटर सड़क पर गढ्ढे ही गड्ढे हैं, जिनके सुधार कार्य को लेकर कलेक्टर सागर से लेकर कमिश्नर सागर तक एनएचएआई के अधिकारियों को पत्र लिख चुके हैं। सागर सांसद ने भी इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग की हालत से सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को अवगत कराया था।
फोरलेन के इन गड्ढों को भरवा पाने में असफल रहे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के पीआईयू सागर के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डिप्टी जनरल मैनेजर सुनील शर्मा का ट्रांसफर कर दिया गया है। उन्हें सागर से हटाकर रिजनल ऑफिस भोपाल भेजा गया है। जबकि एनएचएआई के ओडिसा डिवीजन हेड क्वॉर्टर के डिप्टी जनरल मैनेजर राहुल चहल को प्रोजेक्ट डायरेक्टर बनाकर सागर भेजा गया है।
गौरतलब है कि नेशनल हाइवे-44 उत्तर दक्षिण कॉरिडोर का देश का सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग है, जिस पर लगभग पचास हजार वाहन प्रतिदिन निकलते हैं। सागर जिले में तकरीबन 140 किलोमीटर की सड़क में वाहन चालक गड्ढों से परेशान है। इन गड्ढों के कारण आए दिन दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं। लेकिन इसका सुधार कार्य नहीं हो पा रहा है। एनएचएआई ने इस सड़क का ठेका अप्रैल 2024 में मुंबई की आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स कंपनी को दे दिया था। लेकिन शर्मा कंपनी से सड़क के गढ्ढे नहीं भरवा पा रहे थे। इसके साथ ही पिछले साल 30 करोड़ रुपये खर्च कर घटिया मरम्मत कार्य कराने से सड़क और ज्यादा खराब हो गई थी। अब देखना है कि नए प्रोजेक्ट डायरेक्टर कब तक सड़क का सुधार कार्य करवा पाते हैं।
