
तेंदूखेड़ा जनपद सीईओ ने बताया कि खाद खाने के बाद मवेशियों के शव मिले हैं। बोरियां शीघ्र हटती हैं तो पंचायत से साफ-सफाई कराई जाएगी। तेंदूखेड़ा टीआई को सूचना देकर पुलिस को भेजा गया है।
दमोह जिले के तेंदूखेड़ा जबलपुर मार्ग पर नरगवां गांव में मंगलवार शाम गाय को टक्कर मारने के बाद खाद से भरा ट्रक सड़क पर पलट गया था। हादसे में गाय की मौत हो गई थी और खाद भी सड़क पर फैल गया था। वहां से गुजरने वाले कुछ मवेशियों ने यह खाद खा ली, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। ग्रामीण जब जंगल गए तब उन्हें मवेशियों के शव पड़े मिले, जिस जगह खाद से भरा ट्रक पलटा है, वहां से प्रतिदिन गांव से मवेशी चरने के लिए जंगल जाते हैं।
बता दें कि ट्रक पलटने के बाद खाद की बोरियां फटकर सड़क पर फैल गई थी। जंगल जा रहे मवेशी खाद को खाते गए। नंदराम ठाकुर ने बताया कि उसकी भैंस भी उसी मार्ग से चरने के लिए सुबह गई थी। दोपहर में उसका शव मिला। उन्होंने कुछ महीने पहले ही 80 हजार रुपये में भैंस खरीदी थी, यूरिया खाद खाने से उसकी मौत हो गई है।
धर्मेंद्र लोधी और सुधीप लोधी ने बताया ग्राम नरगवा में हजारों मवेशी है जो प्रतिदिन सुबह मुख्य मार्ग से होकर जंगल जाते हैं। बुधवार सुबह भी सैकड़ों की संख्या में मवेशी घर से गये। जानकारी लेने पर पता चला कि दर्जनों मवेशियों के शव तो जंगल में अलग-अलग जगह मिले हैं। लेकिन पूरी पुष्टि तब तक नहीं होगी, जब तक मवेशी घर वापस नहीं आते। क्योंकि मुख्य मार्ग पर पड़ी खाद कितने मवेशियों ने खाई है, इसकी कोई पुष्टि नहीं कर पा रहा है।
राजकुमार लोधी ने बताया कि मैं तत्काल मौके पर पहुंचा था। सड़क पर पड़ी खाद हटाने की बात ट्रक चालक से कही थी। लेकिन उन्होंने अनदेखा किया। रात्रि में अधिकांश मवेशियों को पंचायत द्वारा सुरक्षित स्थान पर बंद कर दिया था, लेकिन सुबह से मवेशी चरने गये थे। एक भैंस और कुछ मवेशियों के मृत होने की जानकारी मिली है। हम लोग खाद हटवाने के प्रयास में लगे हैं।
यूरिया खाद खाने के बाद मवेशियों की हालत बिगड़ने लगी थी। जानकारी लगते ही पशु अस्पताल की टीम मौके पर पहुंची और मवेशियों का उपचार किया। लेकिन कुछ मवेशियों की ज्यादा हालत खराब होने के बाद उनकी मौत हो गई। पशु चिकत्सक अधिकारी हरिकांत बिलबार ने बताया कि मुख्य मार्ग पर बिखरी खाद खाने से मवेशियों की हालत बिगड़ी थी। पशु अस्पताल की टीम पहुंची थी। मवेशियों का उपचार किया, लेकिन कुछ मवेशियों की मौत हो गई। क्योंकि खाद का जहर मवेशी के पेट के अंदर ज्यादा मात्रा में फ़ैल गया था।