
अस्पताल प्रबंधक आशीष बैंजामिन का कहना है कि एक साल पहले कपड़ा छूटने का आरोप निराधार है। हमने सिजेरियन डिलीवरी की थी, जबकि दूसरे अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान बड़ी आंत में कपड़ा मिला है।
सागर जिले के खुरई में शनिवार रात 10:30 बजे खुरई-बीना नेशनल हाईवे पर रीठौर मिशन अस्पताल के सामने मृतक महिला के परिजनों ने शव रखकर चक्काजाम किया। परिजनों का आरोप है कि एक साल पहले मिशन अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी कराई थी, जिसमें डॉक्टर्स की लापरवाही से महिला के पेट में कपड़ा छोड़ दिया गया था। उन्होंने कई अस्पतालों में जाकर उपचार कराया, सागर के एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन कर कपड़ा निकाला गया, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण महिला की मौत हो गई। इसके बाद परिजन शव लेकर आए और चक्काजाम किया। पुलिस ने परिजनों को आश्वासन दिया कि मर्ग कायम कर पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद परिजन सड़क से हटे।
परिजन सुनील अहिरवार ने बताया कि 6 सितंबर 2023 को बहन अनीता (38), पति स्व. पप्पू अहिरवार निवासी नारधा की सिजेरियन डिलीवरी खुरई के मिशन अस्पताल में कराई थी। इस दौरान बच्ची का जन्म हुआ था। इसके बाद महिला की तबीयत खराब रहने लगी, कई डॉक्टर्स को दिखाया, लेकिन आराम नहीं मिला। आराम नहीं मिलने पर झांसी और भोपाल के अस्पतालों में भी इलाज कराया। बीती 23 अगस्त को सागर के निजी अस्पताल में चेक-अप कराने पर पता चला कि पेट में कपड़ा फंसा है। इसे निकालने के लिए 28 अगस्त 2024 को ऑपरेशन किया गया, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण 7 सितंबर को उसकी मौत हो गई। लेकिन, मिशन अस्पताल प्रबंधन अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है। परिजनों ने मिशन अस्पताल प्रबंधन पर एफआईआर की मांग की है।
अस्पताल प्रबंधक आशीष बैंजामिन का कहना है कि एक साल पहले कपड़ा छूटने का आरोप निराधार है। मरीज की सिजेरियन डिलीवरी में बच्चेदानी खोली गई थी, जबकि भाग्योदय अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान बड़ी आंत में कपड़ा मिला है, जो आंत काटकर निकाला गया है। अगर कपड़ा छूटता तो बच्चेदानी में होता, बड़ी आंत में कैसे पहुंच सकता है। मरीज हमारे यहां से स्वस्थ होकर गई थी। हमारी कोई गलती नहीं है।
