
पूर्व ट्रेनी IAS पूजा खेडकर के खिलाफ बड़ा एक्शन हुआ है। केंद्र सरकार ने IAS परिवीक्षा नियम, 1954 के नियम 12 के तहत पूजा खेडकर को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से बखस्ति कर दिया है। सरकार ने UPSC परीक्षा में OBC और दिव्यांगता कोटे का दुरुपयोग करने के आरोप में पूजा खेडकर के खिलाफ कार्रवाई की है। इससे पहले संघ लोक सेवा आयोग ने 31 जुलाई को उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी। आपको बताते चलें कि पूजा खेडकर पर आरक्षण का लाभ पाने के लिए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा , 2022 के आवेदन में गलत जानकारी प्रस्तुत करने का आरोप लगाया गया है।
केंद्र सरकार के पास बर्खास्त करने का अधिकारIAS (परिवीक्षाधीन) नियम, 1954 के तहत पूजा खेडकर को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से मुक्त कर दिया। यह नियम केंद्र सरकार को यह अधिकार देते हैं कि यदि कोई परिवीक्षाधीन व्यक्ति पुनर्परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो पाता या यदि केंद्र सरकार को यह विश्वास हो जाता है कि परिवीक्षाधीन व्यक्ति सेवा में भर्ती के लिए अयोग्य था या सेवा का सदस्य होने के लिए अनुपयुक्त है तो वह उसे सेवा से मुक्त कर सकता है। पूजा खेडकर महाराष्ट्र में एक ट्रेनी आटीगम्य गरी (Trainee I रूप म कार्यरत थीं।.. पूजा खेडकर अब ट्रेनी IAS नहीं, एग्जाम में बैठने पर भी लगा बैन, UPSC का बड़ा एक्शनUPSC ने रद्द कर दी थी चयन प्रकियाकरीब एक महीने पहले संघ लोक सेवा आयोग ने पूजा खेडकर का चयन रद्द कर दिया था। खेडकर पर आरक्षण (Reservation) का लाभ पाने के लिए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के अपने आवेदन में गलत जानकारी प्रस्तुत करने का आरोप लगा था। इसके बाद यूपीएससी ने 31 जुलाई को पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी थी। संघ लोकसेवा आयोग ने कहा कि पिछले 15 वर्षों में खेडकर का यह एकमात्र मामला है, जिसमें वह यह पता नहीं लगा सका कि खेडकर ने एकर्थी के लिए सीएस s) में बैठने के Subscribe प्रयासों से ज्यादा बार परीक्षा दी, क्योंकि उसने न सिर्फ अपना नाम बदला, बल्कि अपने माता-पिता के नाम भी बदलते हुए धोखाधड़ी की है। ये दिल्ली हाईकोर्ट ने पूजा खेडकर की याचिका पर सुनवाई से किया इनकार, कहा- उचित मंच पर जाएंपहचान बदलने की कोशिश की पूजा ने पूजा खेडकर पर यह भी आरोप लगा है कि उन्होंने फोटो, साइन, ईमेल, फोन नंबर और एड्रेस में भी हेराफेरी की थी, ताकि उनकी पहचान बदल सके। आपको बता दें कि पूजा खेडकर को बतौर ट्रेनी आईएएस ऑफिसर पुणे में पहली पोस्टिंग मिली थी, जहां वह विवादों को लेकर सुखियों में आ गईं थी।