
पर्यटन और धार्मिक नगरी ओरछा में सोमवार को मोराई छठ पर्व पर बेतवा नदी पर मेले का आयोजन किया गया। इस दौरान हजारों महिलाओं ने बेतवा नदी का पूजन कर मौर को विसर्जित किया। इसके बाद श्रीराम राजा सरकार के दरबार में पूजा अर्चना कर पुण्य लाभ लिया।
बता दें कि विवाह के बाद भादों माह की मोराई छठ पर मौर सिराने के लिए सोमवार को काफी संख्या में महिलाएं बेतवा नदी के तट पर पहुंची। सिर पर कलश रखकर पहुंची महिलाओं ने मोराई छठ पर पानी में मौर को सिराया और विवाहित जोड़े की मंगल कामना के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
आचार्य पंडित वीरेंद्र विदुआ ने बताया कि विवाह के दौरान जो मौर दूल्हा-दुल्हन माथे पर रखकर विवाह के बंधन में बंधते हैं। उसी मौर को भादों माह की छठ पर नदीं या तालाब में विधि विधान से सिराया जाता है। बुंदेलखंड में इस परंपरा को बरसों से निभाया जा रहा है।
सोमवार को पवित्र बेतवा नदी के कंचना घाट पर हजारों नव विवाहित जोड़ों ने यह परंपरा निभाई। इसमें पहले महिलाओं ने धार्मिक रिति-रिवाज के अनुसार मौर-मौरी के साथ विधि-विधान से इष्टदेव की पूजा की,इसके बाद मौर-मौरी को नदी में विसर्जित किया
सोमवार को सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर-ट्राली और चार पहिया वाहन से बुंदेलखंड क्षेत्र के झांसी, ललितपुर, दतिया, डबरा, ग्वालियर, टीकमगढ़, छतरपुर आदि जिलों से हजारों लोग ओरछा पहुंचे। इस दौरान बेतवा नदी से लेकर ओरछा तिगैला तक जाम की स्थिति भी बनी।
इस दौरान थाना प्रभारी जगत पाल सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने जगह-जगह पार्किंग की व्यवस्था बनाकर वाहनो को रोका,जिससे भीड़ एक जगह एकत्रित नहीं हो सकी। नदी में पानी का बहाव अधिक होने के कारण किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिये होमगार्ड के गोताखोर नदी के घाटों पर तैनात रहे।