
पन्ना – पन्ना में बीते तीन दिन में हुई भारी बारिश के चलते नदी नालों का जलस्तर बढ़ गया है। कई गांवों में चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है। सबसे ज्यादा समस्या सिमरिया और रैपुरा क्षेत्र के गांवों से सामने आ रही है। जहां पटोरी, बंधा, गांव में फंसे मरीजों को एंबुलेंस और रेस्क्यू टीम ने कड़ी मशक्कत कर अस्पताल तक पहुंचाया। वहीं महोड़ गांव में एंबुलेंस नहीं पहुंचने से प्रसूता ने गांव में ही बच्ची को जन्म दिया। कोल करहिया गांव में एक मंदिर में फंसे 75 वर्षीय पुजारी को एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाला है।
दरअसल पन्ना में भारी का दौरा जारी है। सबसे ज्यादा बारिश रैपुरा और सिमरिया क्षेत्र में हुई हैं। जिससे क्षेत्र के दर्जनों गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति निर्मित हो गई है। पटोरी गांव में उल्टी दस्त से पीड़ित मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में समस्या हो रही थी क्योंकि गांव के चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा था। जिसके बाद परिजन मरीजों को गांव के बाहर लेकर आए, जहां से एंबुलेंस से तत्काल उन्हें पवई समुदायिक स्वास्थ केंद्र भिजवाया गया।
वहीं बंधा गांव में बुधवार रात काजल रजक पति बलराम रजक को सर्प ने काट लिया था। सुबह एंबुलेंस को फोन लगाया और एंबुलेंस गांव से डेढ़ किलोमीटर दूर आकर रुक गई क्योंकि इसके बाद पानी ज्यादा होने और सड़क मार्ग खराब होने से एंबुलेंस आगे नहीं जा रही थी। जिसके बाद एंबुलेंस कर्मचारियों ने गांव से महिला को बाइक से एंबुलेंस के पास तक बुलवाया और फिर अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां उसकी हालत सही बताई जा रही है।
महोड़ गांव तक नहीं पहुंची एंबुलेंस तो घर पर ही प्रसूता ने दिया बच्ची को जन्म
महोड़ गांव में भारी बारिश के चलते आवागमन प्रभावित हो गया है। नाले के ऊपर से पानी चलने से गांव तक कोई वाहन नहीं पहुंच रहे हैं। सुबह से गांव की निवासी सरोज बसोर पति राकेश बसोर (26) को प्रसव पीड़ा होने पर एंबुलेंस को फोन लगाया गया लेकिन एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी। आशा कार्यकर्ता सूरज बाई उरमलिया ने बताया कि गांव के नाले उफान पर है जिससे एंबुलेंस नही पहुंच सकी। एंबुलेंस चालक ने गांव के दोनों रास्तों से आने का प्रयास किया लेकिन नहीं आ सकी। जिससे घर पर डिलीवरी करवानी पड़ी। वहीं मां और बच्चा दोनों स्वस्थ है।
