
प्यास सबको लगती है, और गला भी सभी का सूखता है। जबलपुर में भी प्यास से व्याकुल एक गोल्डन ईगल डिहाईड्रेशन का शिकार हो गया है, और कई फीट की ऊंचाई से एक बगीचे में आ गिरा। गोल्डन ईगल को गार्डन में पड़ा देख अधिवक्ता अजय तिवारी ने तुरंत इसकी जानकारी सर्प और वन्य प्राणी विशेषज्ञ को दी, जिसके बाद मौके पर पहुंचकर उन्होंने गोल्डन ईगल को देखा कि वह प्यास से व्याकुल है। गजेन्द्र दुबे ने उसे पानी पिलाया और फिर वन विभाग की टीम को सूचना दी। कुछ ही देर बाद वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और अभिरक्षा में लेकर वेटरनरी कॉलेज ले गए जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे प्राकृतिक रहवास में छोड़ दिया गया।
जानकारी के मुताबिक सोमवार की सुबह शास्त्री नगर परशुराम चौक में रहने वाले एडवोकेट अजय तिवारी घर के बाहर बने बगीचे में घूम रहे थे, इसी दौरान उन्होंने देखा कि एक बड़ा पक्षी अचानक ही पेड़ के बीच से होते हुए जमीन पर आ गिरा। पहले तो इतना बड़ा पक्षी देखकर अजय तिवारी डर गए। नजदीक जाकर देखा तो वह बेहोश हो चुका था। अजय तिवारी ने गजेन्द्र दुबे को फोन पर सूचना दी, कुछ ही देर बाद मौके पर पहुंचे गजेन्द्र दुबे ने पक्षी को पकड़कर पानी पिलाया तो उसे होश आ गया। वन्य प्राणी विशेषज्ञ ने बताया कि इस पक्षी का नाम गोल्डन ईगल जिसे कि बाज भी कहते है। लगातार इनकी संख्या कम हो रही है, इसलिए इसे संरक्षित भी किया जा रहा है।
डिहाईड्रेशन का शिकार हुआ गोल्डन ईगल को पानी पिलाने के बाद गजेन्द्र दुबे ने वन विभाग के रैस्क्यू स्क्वाड प्रभारी गुलाब सिंह परिहार को सूचना दी। जिसके बाद वन विभाग की टीम ने ईगल को अभिरक्षा में लिया और वेटरनरी कालेज में इलाज करवाने के बाद डुमना के जंगल में उसे छोड़ दिया। वन विभाग के मुताबिक गर्मी में प्यास के कारण इसकी ऐसी हालत हुई है। फिलहाल अब यह गोल्डन ईगल स्वस्थ है, जिसे कि जंगल में छोड़ दिया गया है।