
तीन माह पहले गोसलपुर थाना के कटरा रमखिरिया के पास अवैध रेत खदान धंसने से तीन लोगों की ग्रामीणों की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि तीन घायल हो गए थे। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घालयों को इलाज के लिए भेज जांच शुरु कर दी। स्थानीय ग्रामीणों का कहना था कि अवैध रेत खदान में भाजपा मंडल अध्यक्ष अंकित तिवारी अपने दो अन्य साथियों के साथ रेत खनन करवा रहे थे।
ग्रामीणों की शिकायत पर गोसलपुर थाना पुलिस ने भाजपा नेता अंकित तिवारी और दो अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरु कर दी। पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि जिस भाजपा नेता अंकित तिवारी का रेत खनन हादसे में नाम जोड़ा जा रहा है, वह उस दौरान ना ही मौके पर था, और ना ही रेत खनन से उसका ताल्लुक है। लिहाजा पुलिस ने भाजपा नेता अंकित तिवारी के खिलाफ दर्ज एफआईआर से नाम हटा दिया था।
गुरुवार को कटरा रमखिरिया गांव के लोग एसपी ऑफिस पहुंचे जहां उन्होंने पुलिस अधिकारियों के पास जाकर शिकायत करते हुए बताया कि भाजपा नेता अंकित तिवारी के साथी बयान बदलने को लेकर दबाव बना रहे थे, इसलिए एसडीओपी के सामने जो बयान दिया वो गलत है। अंकित तिवारी मीडिया के सामने आए। उन्होंने कहा है कि मेरे खिलाफ जो भी आरोप लग रहे हैं, वह निराधार हैं। राजनीति के चलते ही मेरे नाम को उछाला जा रहा है। भाजपा नेता अंकित तिवारी ने पार्टी के कुछ लोगों पर संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे जानबूझकर इस केस में फंसाया गया है। मैं उनके नाम भी जानता हूं। जल्द ही संगठन और सीएम को लिखित में शिकायत भी करूंगा।
भारतीय जनता पार्टी के गोसलपुर मंडल अध्यक्ष अंकित तिवारी का कहना है कि जब घटना हुई थी उस दौरान वह गोसलपुर में नहीं थे, इसके बावजूद भी ग्रामीणों ने किसी नेता के दबाव में आकर उनका नाम लिया था। अंकित ने कहा कि जैसे ही मुझे जानकारी लगी कि कटरा रमखिरिया गांव में एक में रेत खनन से बड़ा हादसा हो गया है, तो मौके पर पहुंचे और स्थानीय ग्रामीणों की हर स्तर से मदद भी की। इसके बाद भी वहीं लोग जिनकी मैंने मदद की, उन लोगों ने मेरा नाम इस अवैध रेत खनन से जोड़ दिया। अंकित तिवारी का कहना है कि पुलिस ने जांच की और ये पाया कि मेरे खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिले, इसलिए मेरा नाम एफआईआर से हटाया है।
भाजपा नेता अंकित तिवारी ने अपनी पार्टी के कुछ लोगों पर आरोप लगाया। बिना किसी का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ जानबूझकर षड्यंत्र रचा जा रहा है और यह वह लोग है जो कि हमारी ही पार्टी के हैं। अंकित तिवारी ने कहा कि इस मामले को लेकर जल्द ही संगठन और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से मुलाकात कर पूरे सबूत पेश करूंगा और उन सभी की शिकायत भी करूंगा, जिन लोगों ने मेरा गलत नाम उछाला है।
भाजपा नेता का कहना है कि जो लोग एसपी आफिस जाकर बयान दे रहे हैं, वह लोग और भाजपा नेताओं के ही दबाव में हैं। अंकित ने कहा कि जल्द ही समय आ रहा है, जब सबूत के साथ में उन भाजपा नेताओं का पर्दाफाश करूंगा। अंकित ने कहा कि कुछ लोग मुझे ब्लैकमेल भी कर रहे हैं, जिसकी शिकायत एसपी आदित्य प्रताप सिंह से की है।
भाजपा नेता का कहना है कि जिस कटरा रमखिरिया गांव में रेत खदान धंसने का हादसा हुआ। वहां रहने वाले ग्रामीण ने मेरा नाम लिया था। वहां के लोग मुझे जानते ही नहीं है। अंकित का कहना है कि घटना के दूसरे दिन जब पता चला कि मेरे खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है तो मैं गांव गया। यहां ग्रामीणों से बात भी की। ग्रामीणों का कहना था कि उन्हें ना ही देखा और ना ही जानते है।
भाजपा नेता अंकित तिवारी का एफआईआर से नाम हटाए जाने को लेकर एसडीओपी पारुल शर्मा का कहना है कि तीन माह पहले जिस अवैध रेत खदान के धसने से तीन लोगों की मौत हुई थी, उसकी जांच की गई तो अंकित तिवारी के खिलाफ साक्ष्य और प्रमाण नहीं मिले हैं। इसके साथ ही उनके मोबाइल लोकेशन भी ट्रैस की गई। ग्रामीणों के बयान लिए गए हैं। इसमें अंकित तिवारी का नाम न होने के कारण उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को हटा दिया गया है। कुछ दिन पहले एसपी ऑफिस पहुंचकर ग्रामीणों ने अंकित तिवारी के खिलाफ शिकायत की है, जिसकी जांच करवाई जा रही है।
5 जून की दोपहर मुकेश, मुन्नी बाई और राजकुमार सहित कई लोग अवैध खदान से रेत निकाल रहे थे, तभी अचानक ही ऐसी ही एक खदान धसक गई। इस रेत खदान धसकने के मामले में अंकित तिवारी सहित सोनू भदौरिया और केसू ठाकुर के नाम भी आए थे, जो कि जमानत पर है। फिलहाल पुलिस का कहना है कि भाजपा नेता अंकित तिवारी की इस घटनाक्रम में संलिप्तता ना होने के कारण उसका नाम एफआईआर से हटा दिया गया है।
इनकी मौत हुई
मुकेश (35) पिता जगन खटीक, मुन्नी बाई (38) पति जगन बसोर, राजकुमार (29) पिता कैलाश खटीक
ये हुए घायल
खुशबू (25) पति विनोद, सावित्री (35) पति अनु बसोर, चांदनी (20) पिता राजू बसोर