
जबलपुर नाका स्थित महाराजा पैलेस में संचालित तीन दिवसीय ओशो शिविर का समापन हो गया। अंतिम दिन सुबह ध्यान कराया गया और फिर शाम को संन्यास दीक्षा समारोह हुआ। जिसमें 16 लोगों ने दीक्षा ली। जैसे ही दीक्षा हुई ओशो भक्त एक-दूसरे से लिपटकर धन्यवाद देने लगे।
इस बीच सभी के भीतर से समर्पण का भाव पैदा हुआ। दीक्षा समारोह के बाद तीन दिवसीय शिविर का समापन हो गया। ओशो मित्र मंडल दमोह द्वारा शिविर के आखिरी दिन देशभर से आए साधकों को विदाई दी गई। सदस्यों ने बताया कि अनेक जिलों से 60 साधक आए थे।
जबलपुर से आए ओशो के खास शिष्य रहे स्वामी आगेह भारती और मुंबई से आईं मां आरती राजदान ने तीन दिनों तक ध्यान सिखाया व दीक्षा दी इस बीच संत केवल कृष्ण भी मौजूद रहे। ओशो सन्यासी चंद्रशेखर उर्फ चंदू राय, दिग्विजय पटेल ने बताया कि शिविर में शामिल हुए 16 नए ओशो मित्रों की संन्यास दीक्षा हुई है। दीक्षा के दौरान सारे साधक एक दूसरे से गले मिले। शिविर को सफल बनाने में महेंद्र स्वामी, सुदामा प्रसाद पाठक, प्रेम स्वामी, नितिन अग्रवाल, मां संगीता यादव सहित अनेक लोगों का विशेष योगदान रहा।