
सागर के टिकीटोरिया में पहाड़ी पर विराजीं मां सिंहवाहिनी के दरबार को मिनी मैहर के नाम से जाना जाता है। प्राकृतिक सौंदर्य के बीच करीब 500 साल पुराना इस मंदिर का इतिहास है। मंदिर में अष्टभुजाधारी मां सिंहवाहिनी की नयनाभिराम प्रतिमा स्थापित है। नवरात्र में यहां मेला लगता है और दूर-दूर से भक्त दर्शनों के लिए पहुंचते हैं।
मान्यता है कि माता के दरबार में दर्शन करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। रहली-जबलपुर रोड पर रहली से 5 किमी दूर स्थित टिकीटोरिया पहाड़ी पर विराजमान मां सिंहवाहिनी के इस मंदिर को मिनी मैहर के नाम से जाना जाता है।
पुजारी देवी पांडे बताते हैं कि पहले टिकीटोरिया में सागौन का घना जंगल हुआ करता था। पहाड़ पर माता विराजी थीं। करीब 35 साल पहले पहाड़ काटकर मंदिर जाने के लिए मिट्टी की सीढ़ियां बनाई गई। इसके बाद जनसहयोग से मंदिर तक पहुंचने के लिए 365 सीढ़ियों का निर्माण कराया गया। सीढ़ियां चढ़ने के बाद माता के दर्शन होते हैं। यहां एक गुफा भी है। जिसमें राम दरबार और पंचमुखी हनुमान जी की विशाल प्रतिमा स्थापित है।
टिकीटोरिया का मंदिर मराठाकालीन
नवरात्र पर्व पर देशभर से भक्त मंदिर में माता के दर्शन के लिए आते हैं। सच्चे मन से माता से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। मां सिंहवाहिनी के मंदिर निर्माण की कई किवदंतियां सुनाई जाती हैं। जिसमें बताया जाता है कि टिकीटोरिया का मंदिर मराठाकालीन है।
पहाड़ काटकर मिट्टी की सीढ़ियां बनाई गई थीं
पहले यहां पत्थर की मूर्ति स्थापित की गई थी। इस मंदिर की भी प्राचीन मूर्ति खंडित कर दी गई थी। जिससे वह मूर्ति नर्मदा नदी में विसर्जित करने के बाद मां दुर्गा जी की मूर्ति वर्ष 1968 में ग्राम बरखेड़ा के अवस्थी परिवार ने स्थापित कराई थी। वर्तमान में टिकीटोरिया के मुख्य मंदिर में अष्टभुजाधारी मां सिंहवाहिनी की नयनाभिराम प्रतिमा है। करीब 30 से 35 साल पहले यहां पहाड़ काटकर मिट्टी की सीढ़ियां बनाई गई। जिसके बाद पत्थर और अब संगमरमर की सीढ़ियां बनाई गई हैं।
मंदिर में नीचे है गुफा, रामदरबार और हनुमान विराजे
टिकीटोरिया के मुख्य मंदिर के सामने ही उंचाई पर शंकर जी का मंदिर बना है। मंदिर के दाहिनी ओर से एक गुफा है। जिसमें राम दरबार और पंचमुखी हनुमान जी की विशाल प्रतिमा स्थापित है। मंदिर के पीछे यज्ञशाला और भैरव बाबा का मंदिर भी है। टिकीटोरिया का पहाड़ सागौन के वृक्षों से भरा है।
बुंदेलखंड का पहला रोपवे टिकीटोरिया में बनेगा
टिकीटोरिया में पहाड़ी की चोटी पर माता विराजमान हैं। मंदिर पहुंचने के लिए भक्तों को 365 सीढ़ियां चढ़ना पड़ती हैं। लगातार भक्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मप्र सराकर ने टिकीटोरिया में रोपवे बनाने का निर्णय लिया है। रोपने को स्वीकृति मिल गई है। लोकनिर्माण विभाग टिकीटोरिया में जल्द बुंदेलखंड का पहला रोप-वे बनाएगा। जिससे भक्तों को माता के मंदिर तक पहुंचने में आसानी होगी।
ऐसे पहुंचे टिकीटोरिया माता मंदिर
टिकीटोरिया मंदिर एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर सागर जिले की रहली तहसील में स्थित है। मंदिर जबलपुर-सागर राजमार्ग पर स्थित है। टिकीटोरिया मंदिर में पहुंचना आसान है। क्योंकि यह मंदिर जबलपुर और सागर हाईवे पर स्थित है। सागर और जबलपुर से भक्त अपने निजी वाहन और यात्री बसों से मंदिर पहुंच सकते हैं।
