
नवमी तिथि पर जवारे विसर्जन के साथ नवरात्र पर्व का समापन हुआ। शहर के दिवालों से धूमधाम से जवारे विसर्जन के लिए निकले। फुटेरा तालाब, पुरैना तालाब सहित अन्य जलाशयों में जवारों को विसर्जित किया गया।
बैंड बाजों के साथ पंडा सबसे आगे चल रहे थे। उनके पीछे युवा हाथों में बनो लिए हुए थे। तो सिर पर जवारे रखी महिलाएं व युवतियां माता की भक्ते गाती हुईं चल रहीं थी। इसके पूर्व सुबह से देवी मंदिरों में भारी भीड़ रही। नवमीं पर बड़ी देवी माता का आकर्षक श्रृंगार किया गया। सुबह से ही मंदिर में भक्तों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था जो देर रात तक चला। इस दौरान मां की आराधना में लीन भक्तों ने आशीर्वाद लेकर व्रत तोड़ा।