
रीवा के 450 वर्षों पुराने प्रसिद्ध रानी तालाब कालिका माता मंदिर में अष्टमी पर सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी हुई है। मां कालिका के दर्शन करने दूर-दूर से भक्त मंदिर परिसर पहुंचें। यहां अष्टमी और नवमीं पर स्वर्ण आभूषणों से माता का विशेष श्रृंगार किया गया।
प्रधान पुजारी देवी प्रसाद ने बताया कि माता सारी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। यहां हर साल शारदेय नवरात्र और चैत्र नवरात्र में हजारों की संख्या में भक्त माता के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। इस दौरान मेले का भी आयोजन भी किया जाता है। जहां मनोरंजन के साधन, घर गृहस्थी के सामान सहित स्वादिष्ट पकवानों की दुकान भी लगाई जाती हैं। भक्त सुबह से ही मां कालिका के दर्शन करने कतार लगाकर पहुंचते हैं।
मुख्य पुजारी के मुताबिक मां कालिका का यह मंदिर 450 वर्ष पुराना है। पहले इस जगह पर घना जंगल हुआ करता था। लोक मान्यता के मुताबिक 450 वर्ष पूर्व इसी जगह से एक व्यापारी माता की मूर्ति को लेकर गुजर रहा था। तभी एक पेड़ पर मूर्ति को टिका कर वह विश्राम करने लगा। दूसरे दिन जब उस मूर्ति को उठाना चाहा तो मूर्ति नहीं उठी। कई कोशिश के बाद मूर्ति नहीं उठी तो उसने इस मूर्ति को यहीं छोड़ दिया और आगे बढ़ गया। तब से यह मूर्ति यही स्थापित मानी जाती है। नवरात्रि में माता के दर्शनों के लिए मंदिर के पट सुबह 4 बजे खोल दिए जा रहे हैं।