
दमोह के भदौली गांव में भी लोग शारदीय नवरात्र पर देवी प्रतिमा की स्थापना करते हैं। लेकिन गांव के लोग उनका विसर्जन प्रयागराज की गंगा नदी में जाकर करते हैं। 2006 से शुरू हुआ यह क्रम आज भी जारी है।
हर साल दशहरा के अगले दिन गांव के कुछ लोग देवी मां की प्रतिमा को ट्रेन से प्रयागराज ले जाकर पूरे विधि विधान से उनका विसर्जन करते हैं। हालांकि कोरोना काल के 2 साल ग्रामीण प्रतिमा को प्रयागराज नहीं ले जा पाए थे। इसलिए कुम्हारी के पास व्यारमा नदी में देवी मां की प्रतिमा का विसर्जन किया गया था।
2007 जारी क्रम
आयोजक समिति में शामिल कृपाल सिंह राजपूत ने बताया कि जिलेभर में ज्यादातर गांव में देवी मां की प्रतिमा की स्थापना की जाती है। हम सभी गांव के लोगों ने भी सोचा कि हमें भी अपने गांव में देवी मां की प्रतिमा की स्थापना करनी चाहिए और सभी ने मिलकर 2006 में स्थापना शुरू कर दी।
पहले साल तो हम सभी ने गांव के पास ही एक कुंड में मां की प्रतिमा को विसर्जित किया, लेकिन अगले साल यह तय किया कि अब से प्रतिमा का विसर्जन गंगा नदी में किया जाएगा और हम सभी ने प्रयागराज को चुना। 2007 से लगातार गांव के सभी लोग देवी मां की आराधना करते हैं और प्रतिमा का विसर्जन प्रयागराज में करते हैं। इस बार भी हम सभी प्रतिमा को लेकर प्रयागराज जा रहे हैं।
ट्रेन से हुए रवाना
गांव के युवा सोनू राजपूत ने बताया कि मेरे पिता और गांव के कुछ लोग प्रतिमा लेकर प्रयागराज के लिए ट्रेन से रवाना हो चुके हैं। रात तक वहां पहुंच जाएंगे और अगले दिन विधि विधान से देवी मां की प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा।